बगैर शौचालयों के चल रहे हैं आंगनबाड़ी केंद्र

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बगैर शौचालयों के चल रहे हैं आंगनबाड़ी केंद्रgaoconnection

लखनऊ। सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को इसलिए बनवाया था ताकि बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ रहने के बारे में शुरुआती जानकारी दी जा सके लेकिन राजधानी के कई आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय तक नहीं हैं तो बच्चों को कैसे रहन-सहन के तौर तरीके सिखाने का सरकार का सपना साकार होगा।

जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में गरीब बच्चों का बचपन बीतता है उन्हीं में स्वच्छता गृह की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित मलिहाबाद क्षेत्र के पीरनगर, आंटगढ़ी संवरा, रनीपारा समेत कई गाँवों में बनी आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं हैं और अगर शौचालय बने भी हैं तो वे बंद पडे़ हैं।

एक आंगनबाड़ी की कार्यकत्री ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि आंगनबाड़ी में शौचालय नहीं है, इस वजह से मजबूरन शौच के लिए नौनिहालों को खुले में भेजना पड़ता हैं।ऐसे में नौनिहालों के भविष्य पर सीधा असर पड़ रहा है। आंगनबाड़ी नौनिहालों की शिक्षा की सीढ़ी होती है। यही से बच्चों को सभी तौर तरीके सिखाए और बताए जाते हैं लेकिन शौचालय न होने से बच्चों और हम लोगों को भी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

आंटगढ़ी संवरा के राम प्रसाद (38 वर्ष) बताते हैं कि मैं अपने बच्चे को आंगनबाड़ी में पढ़ने के लिए भेजता हूं। आंगनबाड़ी में बच्चों के शौच के लिए शौचालय की व्यवस्था ही नहीं है। आंगनबाड़ी से ही बच्चों के भविष्य की शुरुआत होती है लेकिन शौचालय न होने से बच्चों के भविष्य की नींव कमजोर हो रही है। 

 

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