भारत को वृद्धि दर बनाए रखने के लिए ग्रामीण मांग को बढ़ाना होगा: विश्वबैंक
गाँव कनेक्शन 20 Jun 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। विश्वबैंक ने आज कहा कि यदि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत बनाए रखनी है तो उसे निजी निवेश के साथ-साथ ग्रामीण मांग को बढ़ाने पर काम करना होगा और इसके लिए उसे अपनी अर्थव्यवस्था के बंद पड़े इंजनों को सक्रिय करना होगा।
बैंक ने कहा कि वर्ष 2015-16 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने के कई इंजनों के बंद पड़े होने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने विस्तार किया है।
बैंक ने अपनी द्विवार्षिक रपट ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट' में कहा, ‘‘कृषि को लगातार दो साल से सूखे का सामना करना पड़ रहा है और ग्रामीण उपभोग कम है। इसके अलावा निजी निवेश और निर्यात ने भी अपनी क्षमता के अनुरुप प्रदर्शन नहीं किया है।''
इस रपट में कहा गया है कि 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर को 2016-17 में भी बरकरार रखने के लिए मुख्य चुनौती अर्थव्यवस्था के बंद पड़े इंजनों को सक्रिय बनाना है जिनमें कृषि वृद्धि, ग्रामीण मांग, व्यापार एवं निजी निवेश को सुधारने के साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि सार्वजनिक निवेश और शहरी मांग में कोई कमी नहीं आए।
बैंक ने वित्त वर्ष 2016-17 में भारती की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत, 2017-18 में 7.7 प्रतिशत और 2018-19 में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
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