भारत में अन्तरजातीय विवाह सिर्फ पांच फीसदी

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भारत में अन्तरजातीय विवाह सिर्फ पांच फीसदीगाँव कनेक्शन

मुंबई। ईसाई बहुल राज्य मिज़ोरम में 87 फीसदी जनसंख्या ईसाई है सबसे अधिक अन्तरजातीय विवाह किया जाता है, जबकि पूरे देश में 95 फीसदी लोग अपनी ही जाति में विवाह करते हैं। यह आंकड़े नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर), नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक, के एक रिपोर्ट में सामने आए हैं।

इसी संबंध में मिज़ोरम के बाद, 46 फीसदी के साथ मेघालय एवं 38 फीसदी के साथ सिक्किम का स्थान है। यह आंकड़े, 2011-12 के दौरान राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के आधार पर भारतीय मानव विकास सर्वेक्षण द्वारा पेश किए गए हैं। भारत में तीन पूर्वोत्तर राज्यों के बाद, मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू-कश्मीर (35 फीसदी) और गुजरात (13 फीसदी) का स्थान है।

भारत के राज्यों में कैसे होती हैं शादियां 

एनसीएईआर ने अंतर्जातीय विवाह के अनुपात का निर्धारण करने के लिए यह सवाल किया था, “क्या आपके पति का परिवार और आपका पैतृक परिवार एक ही जाति के है?” सर्वेक्षण में ली गई 95 फीसदी महिलाओं के कहा कि उनकी और उनके पति की जाति एक ही है। मध्य प्रदेश में लगभग सभी लोगों (99 फीसदी) का विवाह एक ही जाति में हुआ है। 

हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ के लिए भी यह आंकड़े 98 फीसदी रहे हैं। भारतीयों को कानूनीतौर पर अपनी जाति के बाहर विवाह करने की अनुमति है। अन्तरजातीय विवाह पर कानून 50 वर्ष से पहले पारित किया गया था लेकिन जो अन्तरजातीय विवाह करते हैं उन पर अब भी अपने परिवार से धमकी या हमले का खतरा मंडराता है।

प्रदेश सरकार हर अंतरजातीय विवाह पर देती है 50 हजार रुपए

मेरठ। अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए से यूपी सरकार ने पिछले वर्ष मेरठ में एक कार्यक्रम में हर शादी पर जोड़ों को 50 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। योजना के मुताबिक दंपती में से युवक अथवा युवती में से किसी एक का अनुसूचित जाति या अलग-अलग धर्म का होना जरूरी है।

अंतरजातीय विवाह करने पर नौकरी में मिलेगा आरक्षण 

पिछले महीने जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा था कि देश में जाति व्यवस्था को तोड़ने के लिए अंतरजातीय विवाह करने वालों को सरकारी और प्राइवेट नौकरी में आरक्षण दिया जाए। शरद ने कहा था, जदयू देश में बढ़ती आर्थिक विषमता और सामाजिक विषमता के खिलाफ अभियान चलाएगा। हमारा समाज जाति के कठघरे में बंद है। इसको तोड़ना होगा। 

 

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