भुगतान ना होने की वजह से परेशान गन्ना किसान

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भुगतान ना होने की वजह से परेशान गन्ना किसानgaon connection, गाँव कनेक्शन

गाँव कनेक्शन नेटवर्क

लखनऊ। चीनी मिलों की ओर से भुगतान में देरी की वजह से यूपी के गन्ना किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद गन्ना किसानों को उनकी फसलों का पैसा वक्त पर नहीं मिल पा रहा है। पैसा मिलने में देरी की वजह से यूपी के ज्यादातर किसान गन्ने की बुआई से दूर भाग रहे हैं।

गन्ने की पैदावार में गिरावट

मौजूदा सत्र में उत्तर प्रदेश में 1,354 लाख टन गन्ने की पैदावार हुई थी जो कि पिछले चार सालों के मुक़ाबले सबसे कम है। जबकि इसी सत्र में चीनी मिलों ने किसानों का 3,035 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं किया है। 

एक एकड़ बुआई पर 54,000 का खर्चा

गन्ना किसानों के मुताबिक़ एक एकड़ खेत की...

जुताई पर कुल खर्च- 2,500 रुपए

बीज पर कुल खर्च- 6,000 रुपए

सिंचाई पर कुल खर्च- 12,000 रुपए

डीएपी खाद पर कुल खर्च- 2,400 रुपए

यूरिया पर कुल खर्च- 2,000 रुपए

बंधाई, छिलाई, ढुलाई, कीटनाशक पर कुल खर्च- 54,000 रुपया

लेकिन किसानों को 230 रुपए प्रति क्विंटल की दर से करीब 58,000 रुपए ही मिलते हैं।

किसानों का करोड़ों का भुगतान बाक़ी

चीनी मिलों ने मौजूदा पेराई सत्र में किसानों को अब तक 3,035 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। सहारनपुर और मेरठ क्षेत्र की मिलों ने कुल गन्ना खरीद के एक चौथाई के आसपास ही भुगतान किया है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने हाल ही में कहा कि किसानों के हित एवं कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बावजूद इसके किसानों की तकलीफ कम होने का नाम नहीं ले रही है।   

सरकार गन्ना किसानों की परेशानी दूर करने के लिए पुरज़ोर कोशिश कर रही है और उसके प्रयासों का ही नतीजा है कि किसानों के बकाये में काफी कमी आई है। लेकिन अभी भी चीनी मिलों पर सरकारी फरमानों का ख़ास असर पड़ता नहीं दिख रहा है।

 

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