बिजली कर्मचारी लगा रहे लेसा को करोड़ों का चूना

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बिजली कर्मचारी लगा रहे लेसा को करोड़ों का चूनाgaoconnection

लखनऊ। शहर की झोपड़-पट्टियों और निर्माणधीन मकानों को बिना कनेक्शन बिजली देकर लेसा के कर्मचारी विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। शहर में निर्माणाधीन मकानों से ये कर्मचारी हजारों रुपए लेकर बिना कनेक्शन के बिजली दे रहे हैं। हालात यहीं तक सीमित नहीं हैं।शहर की झोपड़-पट्टियों में रहने वाले लोगों से भी निकटवर्ती पावरहाउस के कर्मचारी महीने में सौ रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक वसूलते हैं। शहर में मकानों के बनने का सिलसिला जारी है। जो मकान निर्माणाधीन हैं उनसे बिजली विभाग के कर्मचारी साठगांठ करके अवैध बिजली कनेक्शन देकर महीने में बंधी रकम वसूलते हैं। ये कर्मचारी एक निर्माणाधीन मकान से हजारों रुपए तक महीने में ऐठ लेते हैं। 

तीन साल की सजा का है प्रावधान 

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के अनुसार बिजली चोरी अपराध की श्रेणी में आता है। बिजली लाईन से सीधी चोरी करने पर धारा 135 के तहत आरोपी को निर्धारित जुर्माना के अलावा तीन साल की कड़ी सजा हो सकती है। 

चेकिंग के पहले ही मिल जाती है सूचना

इमामबाड़ा के पीछे फूल वाली गली में रहने वाले रामदीन (50 वर्ष) बताते हैं, हमारी गली में जितने भी झोपड़ी हैं, उन सभी झोपड़ियों में कटिया चलायी जाती है। कुछ लोगों को छोड़कर सभी बिजली को चोरी से ही इस्तेमाल करते हैं।कटिया लगाने का महीने में 100 से 250 रुपये बिजली विभाग के कर्मचारियों को देना पड़ता है। जब कभी चेकिंग होती है तो हमें पहले ही सूचना दे दी जाती है। 

वहीं फैजुल्लागंज में मकान बनवा रहे दिनेश वर्मा (बदला हुआ नाम) बताते हैं, जब मैंने मकान बनवाना शुरू किया था तभी कनेक्शन की फाइल जमा कर दी थी। पावरहाउस के जेई द्वारा बताया गया कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी होने में 15 दिन लग सकते है। मकान निर्माण का सारा सामान मौके पर पहुंच चुका था। मजबूरी में मुझे वहीं के एक कर्मचारी से साठगांठ करनी पड़ी और उसे पांच हजार रुपए देकर पास के खम्भे में कटिया लगाकर काम शुरू करवा दिया है। 

 

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