बजट के अभाव में छह गाँव रह गए प्यासे

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बजट के अभाव में छह गाँव रह गए प्यासेgaonconnection

मैनपुरी। पानी की कमी से जूझती छह ग्राम पंचायतों की प्यास बुझाने को दो साल पहले एक उम्मीद जागी थी। शासन ने गंभीरता लेते हुए लगभग 25 करोड़ रुपए की योजना तैयार की थी। लेकिन, बीतते वक्त के साथ सरकार मात्र 7.50 करोड़ रुपए का बजट ही जारी कर सकी। धनराशि खर्च करने के बावजूद योजनाएं अधूरी पड़ी हैं और ग्रामीण पीने के पानी को तरस रहे हैं।

पेयजल संकट से उबारने के लिए वर्ष 2014-15 में शहरों की तर्ज पर पाइप लाइन से जलापूर्ति देने के लिए जिले की छह ग्राम पंचायतों की योजना तैयार की गई थी। प्रस्ताव मांगे गए थे। जिनमें से बाद में कुचेला, गांगसी, कोसमा मुसलमीन, किरथुआ, नसीरपुर और खरपरी ग्राम पंचायत को चुना गया था। ये सभी ग्राम पंचायतें अच्छी-खासी आबादी वाली हैं। 

इन ग्राम पंचायतों में पेयजल व्यवस्था के लिए कार्ययोजना तैयार हुई और सरकार ने बाद में 24.72 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत करते हुए जल निगम को छह करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी। धन आया तो इन गाँवों में पानी की टंकियों को बनाने का काम भी शुरू हुआ। धनाभाव के कारण काम की रफ्तार कुंद न हो इसके लिए शेष धनराशि उपलब्ध कराने के लिए भी शासन से मांग शुरू कर दी गई। 

बार-बार अनुरोध के बाद वर्ष 2014-15 में 75 लाख रुपए की एक दूसरी किश्त शासन स्तर से जारी कर दी गई। लेकिन धनाभाव के कारण परियोजना की प्रगति पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई। काम प्रभावित होता देख कार्यदायी संस्था ने शासन से दोबारा धनराशि की मांग की लेकिन शासन स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई। धनराशि के पूरी तरह से खत्म होने के कारण अब काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। कार्यदायी संस्था का कहना है कि धनराशि की कमी है। जब तक शासन द्वारा अगली किश्त जारी नहीं की जाती, काम आरंभ ही नहीं कराया जा सकता है। साल भर से भी ज्यादा का वक्त हो गया है, काम ठप पड़ा हुआ है। 

तीन ग्राम पंचायतों की एक हकीकत

कुचेला :  यहां पानी की टंकी का काम पूरा हो चुका है। लेकिन पानी की टंकी से आपूर्ति के लिए गाँव में पाइप लाइन बिछाने और उनसे घरों को कनेक्शन देने का काम अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है।

खरपरी : यह गाँव शहर से बिल्कुल सटा हुआ है। मगर, इस गाँव में फ्लोराइड की मात्रा बेहद ज्यादा है। इस गाँव में परियोजना से संबंधित काम मात्र 10 फीसद ही पूरा हो पाया है। अधूरी बनी खड़ी पानी की टंकी योजना को मुंह चिढ़ा रही है। धनाभाव की वजह से काम बंद हो गया है। 

नसीरपुर : यहां पानी की टंकी बनकर तैयार है। साथ ही टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए नलकूप भी लग चुका है। टंकी तक पानी पहुंच रहा है, लेकिन धनाभाव के कारण टंकी से गांव के लिए पानी की पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी है। ऐसे में ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है। 

 

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