बॉलीवुड स्वतंत्र आवाज़ का गला घोंटने की कोशिश करता है: दिबाकर
गाँव कनेक्शन 4 Aug 2016 5:30 AM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। निर्देशक दिबाकर बनर्जी का मानना है कि मुख्यधारा का हिन्दी फिल्म उद्योग स्वतंत्र सिनेमा को दबाने की कोशिश करता है। हालांकि दर्शकों का एक वर्ग प्रतिभावान फिल्म निर्माता को पहचानता है और उसे उचित समय तक अवसर देने में विश्वास रखता है।
दिबाकर ने बताया कि ‘‘बॉलीवुड ने पिछले 10 वर्षों में हमेशा ऐसी आवाजों को दबाने की कोशिश की है जो उसके लिए खतरा हों, भले ही वह उसमें सक्षम नहीं हुआ। इसके एक परिणाम के रूप में मैं आपके सामने खड़ा हूं।” मैं बड़ी मुश्किल से इस इंडस्ट्री में जिंदा रहने में कामयाब रहा। दिबाकर को उम्मीद है कि गुरविंदर सिंह (चौथी कूट) औेर कनू बहल (तितली) जैसे फिल्मकारों को अंतत: उनकी पहचान मिलेगी।
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