पोल्ट्री करोबार से कमाना है तो पढ़िए इस सफल मुर्गीपालक की कहानी

इशरार अली बाड़ों में साफ-सफाई के अलावा इशरार सही समय पर टीकाकरण, आहार प्रबंधन का ध्यान रखते हैं। मुर्गीपालन लाभकारी व्यवसाय है, अगर मुर्गीपालक पक्षियों का आहार प्रबधंन ठीक तरह से करते हैं तो अंडा और मांस दोनों तरह से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।

Diti BajpaiDiti Bajpai   1 Sep 2018 2:00 AM GMT

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पोल्ट्री करोबार से कमाना है तो पढ़िए इस सफल मुर्गीपालक की कहानी

गोरखपुर। पोल्ट्री का करोबार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। देश में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है। लेकिन इस करोबार में कुछ बातों का बहुत ध्यान रखना पड़ता है वरना मुर्गीपालकों को काफी नुकसान होता है। इशरार अली एक ऐसे किसान है जिन्होंने मुर्गियों के बाड़े का उचित प्रंबधन करके अच्छा लाभ कमा रहे है।

इशरार का गोरखपुर जिले से 35 किमी दूर खलीलाबाद ब्लॉक के शंकरपुर गाँव में दो हजार स्क्वायर फीट में फार्म बना हुआ है। इस फार्म में 1500 मुर्गे-मुर्गियां हैं। इशरार ने बाड़े में पंखें, बल्ब लगवाए हुए हैं। बाड़ों को इस तरह बनाया है कि मुर्गियों को गर्मी, बरसात और ठंड में परेशानी न हो।


इशरार बताते हैं, "बाड़ों की साफ-सफाई बहुत जरूरी है। अगर फार्म में नमी हो गई तो मुर्गियों में बीमारी का खतरा रहता है, इसलिए समय-समय पर उस ज़मीन पर बलुई मिट्टी, धान की भूसी और लकड़ी का बुरादा डालते रहते हैं।"

बाड़ों में साफ-सफाई के अलावा इशरार सही समय पर टीकाकरण, आहार प्रबंधन का ध्यान रखते हैं। मुर्गीपालन लाभकारी व्यवसाय है, अगर मुर्गीपालक पक्षियों का आहार प्रबधंन ठीक तरह से करते हैं तो अंडा और मांस दोनों तरह से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।

यह भी पढ़ें- जानें मुर्गियों में होने वाली बीमारियां और उनके टीके

इशरार बताते हैं, "मुर्गियों की सही बढ़ोत्तरी के लिए समय पर टीकाकरण के साथ आहार का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है, इसके लिए मुर्गियों को दिन में तीन बार दाना और साफ पानी देते हैं। अगर सही आहार होगा तभी पक्षियों की बढ़वार भी अच्छी होगी।" इशरार का बहुत बड़ा फार्म नहीं है, लेकिन कुछ चीज़ों को ध्यान में रखकर वह इससे हर वर्ष लाखों का लाभ कमा रहे हैं।

मुर्गी पालन में तीन तरह के आहार

मुर्गी पालन व्यवसाय में तीन तरह के आहार होते हैं। प्रारम्भिक आहार, ग्रोवर आहार और फिनिशर आहार। इन तीनों आहारों का समय भी अलग होता है। जैसे 0 से 10 दिन तक चूजों का प्रारम्भिक आहार होता है। 10 से 15 दिनों में ग्रोवर आहार शुरू कर देना चाहिए और 15 दिनों के बाद से फिनिशर आहार देना होता है, जब तक आप उसे बेचते नहीं हैं।


     

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