बर्बाद होते पानी को रोकें नहीं तो...

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बर्बाद होते पानी को रोकें नहीं तो...गाँव कनेक्शन

लखनऊ। राजधानी में भूजल स्तर लगातार कम होता जा रहा है। इससे किसानों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

भूगर्भ जल विभाग के अनुसार वर्ष 2015 में राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में 6 मीटर से 1.05 मीटर तक भूगर्भ जल में गिरावट आई है। इसमें कैंट इलाके में भूजल स्तर 43.60 मीटर पर दर्ज किया गया है। गत वर्ष यहां भूजल स्तर 42.60 मीटर था। पुरनिया में 2.50 मीटर, लालबाग, डालीबाग, गोमतीनगर, इंदिरानगर में दो मीटर तक भूजल स्तर नीचे गिर गया है।

वहीं राजाजीपुरम के जलालपुर क्रासिंग में  37.20 दर्ज किया गया जबकि पिछले साल यहां भूजल स्तर 35.85 मीटर था। अहम बात यह है कि नए बढ़ रहे शहरी क्षेत्र एयरपोर्ट और भरवारा में बढ़ते जनसंख्या धनत्व के कारण दो मीटर तक भूजल स्तर घटा है। एयरपोर्ट पर 16.5 और भरवारा में भूजल स्तर 15.75 मीटर पहुंच गया है। गिरते जल स्तर का असर नलकूपों पर भी पड़ा है। शहर में ऐशबाग, बालागंज और कठौता जलकल (जलाशय) से पेयजल की आपूर्ति होती है।

इसके अलावा 616 नलकूपों से भी पेयजल आपूर्ति भी जाती है। इन नलकूपों में से 35 नलकूप बंद पड़े हैं। तेजी से गिरते भूजल स्तर और तकनीकी दोष के कारण 34 नलकूपों पानी कम उगल रहे हैं। गर्मी की और बढ़ोत्तरी होने पर आने वाले दिनों में पानी की मांग बढ़ेगी लेकिन नलकूपों के कम पानी देने के कारण पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ेगा। 

20 फीसद पानी हो रहा बर्बाद 

शहर में तीनों ऐशबाग, बालागंज और कठौता जलकल से 630 एमएलडी पानी आपूर्ति होती है। इसमें लीकेज और अन्य तकनीकी दोष के कारण करीब 135 एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता है, जो शहर की आपूर्ति का 20 फीसद है। अकबरी गेट, राजाजीपुम, खदरा, सिटी स्टेशन, ठाकुरगंज सहित दर्जनों मोहल्लों में लीकेज को आसानी से देखा जा सकता है।

आसपास जिलों से रोजाना आते हैं पांच लाख लोग

प्रदेश की राजधानी होने के नाते रोजाना करीब पांच लाख लोग लखनऊ आते हैं। बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, फैजाबाद से रोजाना नौकरी और निजी काम से लोग आते हैं। इसके अलावा प्रदेश के दूर-दराज इलाके से भी लोग राजधानी आते हैं। इतने ही पानी का प्रयोग राजधानी आने वाले ये लोग भी करते हैं।

कठौता में भी घटा पानी 

ट्रांस गोमती इलाके में जलापूर्ति करने वाले तीसरे जलकल की कठौता झील में भी पानी घट रहा है। शारदा नगर से कठौता की आपूर्ति बंद कर दी गई है। नहर की सफाई कार्य के चलते 30 अप्रैल तक पानी की आपूर्ति बंद रहेगी। इससे इंदिरानगर और गोमतीनगर क्षेत्र में पेयजल की समस्या शुरू हो गई है, अभी से इन इलाकों में पेयजल आपूर्ति में कटौती कर दी गई है। इस जलकल से 80 एमएलडी पेयजल आपूर्ति होती है। इससे 33 टंकियों और 10 जलाश्यों को भरा जाता है। जल विभाग के अभियंता एके सिंह ने बताया, तीन अप्रैल से शारदा नहर से आपूति बंद कर दी गई है। 30 अप्रैल तक आपूर्ति बंद रहेगी। हालांकि भरवारा झील में भी पानी है, इस झील से एक माह तक पानी की आपूर्ति की जा सकती है।

रिपोर्टर - जसवंत सोनकर

 

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