बुंदेलखंड का सूखा तोड़ रहा शादियां, ले रहा जान

Arvind ShukklaArvind Shukkla   13 April 2016 5:30 AM GMT

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बुंदेलखंड का सूखा तोड़ रहा शादियां, ले रहा जानgaonconnection

बांदा/ललितपुर। बुंदेलखंड का सूखा लोगों की जान ले रहा है। बांदा के पचनेही गाँव में मंगलवार को एक युवक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। ज्ञानबाबू की 26 अप्रैल को शादी थी और पैसे का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। सूखे के चलते बुंदेलखंड में पलायन, शादियां टूटने और आत्महत्या का सिलसिला शुरू हो गया है।

बांदा जिले के देहात कोतवाली के पचनेही गाँव के किसान बब्बू प्रजापति के बेटे ज्ञानबाबू (23 वर्ष) के शव के पास मिले सुसाइड नोट में लिखा है, “मैं अपनी मौत का जिम्मेदार खुद हूं, मेरे पिता अच्छे आदमी हैं उन्हें परेशान न किया जाए।” 

ज्ञानबाबू गुजरात में मजदूर था, 26 अप्रैल को उसकी शादी थी इसलिए पांच अप्रैल को घर आया था। ज्ञानबाबू की चाची भुर्जी ने बताया, “बब्बू पर करीब सात लाख रुपये का कर्ज़ था। सूखे से आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा था। शादी के खर्च के लिए भी पैसों का जुगाड़ नहीं हो रहा था इसलिए पूरा घर परेशान था।” इसी गाँव में तीन दिन पहले भी एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी। नौ अप्रैल को झांसी के समथर थाना क्षेत्र पचनेही में गाँव में रहने वाले शिवमोहन सिंह ने खेत में फांसी लगा ली। शिवमोहन पर 50 हजार रुपये का कर्ज़ था और 16 अप्रैल को उनकी पोती की शादी होने वाली थी। शिवमोहन के तीन बीघे खेत में सिर्फ चार कुंतल गेहूं पैदा हुआ था, जिसके बाद वो मानसिक रूप से परेशान थे। बुंदेलखंड की नब्ज टटोलने वाले पत्रकार जीशान अख्तर बताते हैं, “सूखा, गरीबी, भूख, पलायन और शादियों का टूटना सब समस्याएं एक दूसरे से जुड़ी हैं।

लोग घर छोड़ रहे हैं, शादियां टाल रहे हैं, या टूट रही हैं। पिछले वर्ष 50-60 शादियां टूटी थीं। लोगों के पास पैसा नहीं है शादी कहां से करेंगे?” 

ललितपुर जिले के महरौनी तहसील के कुरौरा गाँव के सुखलाल (48 वर्ष) इन दिनों बहुत परेशान हैं। वो बताते हैं, “सूखे के चलते गेहूं में सिर्फ दो पानी दे पाए थे। खेती में किसान क्रेडिट कार्ड से निकालकर 35000 रुपये खर्च किए, उतने का भी गेहूं नहीं हुआ। इस वर्ष बीए कर रही अपने बेटी बच्ची की शादी करने की तैयारी में था, लेकिन अब कुछ नहीं हो पाएगा।”

बांदा जिले में बड़ोखर खुर्द गाँव में रहने वाले प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह (57 वर्ष) बताते हैं, “जब खेत से कुछ निकलेगा ही नहीं, तो किसान के परिवार बर्बाद तो होंगे ही। इस बार तो वो किसान ज्यादा खुश हैं जिन्होंने फसल बोने की बजाए शहर जाकर मजदूरी कर रहे हैं।”

इस बार मानसून रहेगा सामान्य से अच्छा

नई दिल्ली। मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने बताया कि इस साल सामान्य से अच्छी बारिश होगी और मानसून सामान्य से अच्छा रहेगा मौसम विभाग के मुताबिक देश में 104 से 110 फीसदी बारिश का अनुमान है। मराठवाड़ा, विदर्भ, लातूर, वाडमेर और बुंदेलखंड सहित देश में कई इलाके ऐसे हैं, जहां सूखे के हालात हैं। इस खबर से उम्मीद बंधी है कि वहां के हालात भी सुधरेंगे। पिछले दो वर्षों से लगातार कमजोर मानसून था। 

रिर्पोटर - अरविंद शुक्ला/ सुखवेन्द्र सिंह परिहार

 

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