छोटे-मझोले उद्योगों को लगेगा 'करंट'

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छोटे-मझोले उद्योगों को लगेगा करंटgaon connection

लखनऊ। पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने छोटे और मंझले व्यापारियों और उद्यमियों को महंगी बिजली देने की तैयारियां कर ली हैं। अगले वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बिजली की दर संबंधी टैरिफ प्रस्ताव को उच्च स्तर पर हरी झंडी मिलने के बाद कॉरपोरेशन प्रबंधन ने विद्युत नियामक आयोग में दाखिल कर दिया है।

पॉवर कॉरपोरेशन ने अगले वित्तीय वर्ष में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, इन उपभोक्ताओं को इस वित्तीय वर्ष की तर्ज पर ही बिजली मिलेगी। हालांकि विभाग ने व्यापारियों और उद्यमियों की विद्युत दरों में 5.75 फीसदी की संभावित बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की है। इससे उद्यमियों की बिजली बिल में 10 फीसदी और व्यापारियों का बिजली खर्च 30 से 40 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। कॉरपोरेशन ने किसानों को राहत देने के लिए निजी ट्यूबवेल की बिजली दरों को यथावत् रखा है।

कानपुर इंड्रस्टियल एरिया दादानगर के चेयरमैन विजय कपूर बताते हैं, ''उद्योगों की स्थिति पहले से ही बहुत खराब थी। वर्तमान में प्लास्टिक उद्योगों को बंद कर देने से करीब ढाई हजार फैक्ट्रियों के चार लाख मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। अब पॉवर कॉरपोरेशन ने बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, इसका असर सीधा जनता पर ही पड़ेगा क्योंकि बिजली महंगी होने से चीजें महंगी हो जाएंगी।”

पॉवर कॉरपोरेशन ने दरों में बढ़ोत्तरी करने पर 28 करोड़ से अधिक अतिरिक्त विद्युत राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। प्रस्ताव के नियामक आयोग की मंजूरी के बाद नई दरें मई-जून में ही लागू होने की उम्मीद हैं।

कॉरपोरेशन अगले वित्तीय वर्ष के लिए सात दिसंबर को ही 58125.12 करोड़ का वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव आयोग में दाखिल कर चुका है, जिसमें मौजूदा दरों से 8694 करोड़ के घाटे का अनुमान लगाया गया था। सात महीने पहले भी बिजली की दरों में औसतन 5.47 फीसदी इजाफा किया गया था। कानपुर के गोविंदनगर में स्थित अमरेश्वर गेस्ट हाउस के संचालक गोपाल शुक्ला बताते हैं, ''कामर्शियल क्षेत्र में बिजली दरों की बढ़ोत्तरी से लघु उद्योगों और छोटे व्यापारिक संस्थानों के लिए खासी दिक्कतें खड़ी होने वाली हैं। अगर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया तो हम पर भार पड़ेगा तो मजबूरन हमें भी जनता को महंगे दामों पर बिजली देनी पड़ेगी।"

उद्योगों को इस समय आठ रुपए प्रति यूनिट बिजली की कीमत अदा करनी पड़ रही है। कानपुर जि़ले के दादानगर में राधिका इंडस्ट्री के मालिक सूरज बताते हैं, ''विभाग घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा की जा रही चोरी को तो रोक नहीं पा रहा है, राजस्व हानि वहां से हो रही और बिजली दरों में बढ़ोत्तरी लघु उद्योगों पर की जा रही है। उद्योगों की हालत वैसे भी खराब है, अभी आठ रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल देना पड़ रहा है और ये अब और बढ़ जाएगा तो आगे स्थितियां और भी खराब हो जाएंगी।"

इस संबंध में उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा बताते हैं, ''प्रस्ताव में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी से लघु और मंझले उद्योगों के व्यापारियों के बिल पर 18 से 20 प्रतिशत तक का भार पड़ेगा। अगर प्रस्ताव पारित होता है तो बिजली की दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी का विरोध किया जाएगा।"

अस्थायी कनेक्शन लेना होगा महंगा

प्रस्ताव में शादी-बारात व मेला आदि में दुकानों के लिए अस्थायी कनेक्शन की दरों में भी इजाफे का प्रस्ताव है। अभी तक शादी-बारात के कनेक्शन के लिए 3000 रुपए लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 3500 रुपए किया जाना है। दुकानों के कनेक्शन के लिए 250 से 300 और घर बनाने के लिए 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर को बढ़ाकर सात रुपये प्रस्तावित किया गया है। विभिन्न सरकारी संस्थानों की बिजली दरों में भी औसतन 10 से 12 फीसद का इजाफा प्रस्तावित है। रेलवे की बिजली दर में 10 फीसद की वृद्धि रखी गई है। फिक्स चार्ज 230 से 290 करने का प्रस्ताव है। 

 

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