चिकित्सालय बना चरागाह

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चिकित्सालय बना चरागाहगाँव कनेक्शन

रिपोर्टर- रवीश कुमार वर्मा

फैजाबाद। जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर दर्शन नगर में एक मण्डलीय चिकित्सालय है, जहां पर न तो डॉक्टर है और न ही सुविधाएं हैं, जिसके कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है। मरीजों के लिए तो कुछ नहीं बन सका, लेकिन पशुओं के लिए चारागाह तो बन गया है। 

मंडलीय चिकित्सालय का सात अगस्त को मुख्यमत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ से ही लोकार्पण किया था। यहां पर पहले मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई थी लेकिन मेडिकल कॉलेज की जगह 300 बेड का अस्पताल बनाया गया, लेकिन मौजूदा हालत में अभी सिर्फ 100 बेड में ही सिमट कर रह गया है।

जिले तथा जिले के आस-पास लोगों को अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं की आशा थी, लोकार्पण के कुछ दिनों तक चिकित्सालय सही से चला, जैसे-जैसे दिन बीतते गये वैसे-वैसे सुविधाओं की कमी होती गयी। शुरुआती दौर में बहुत तेज चला, लकिन सुविधाओं तथा डॉक्टरों की कमी के कारण अब मरीजों का आना कम हो गया है, प्रारंभिक दौर में कई डॉक्टरों की नियुक्ती हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे कम होते गये जिसके कारण मरीजों को असुुविधा झेलनी पड़ती है इसलिए मरीज यहां कम आते है। उन्हें मजबूर होकर दूसरे अस्पताल जाना पड़ता है, यहां पर कई बड़ी मशीने लगायी गयी हैं, लेकिन उसके छोटे-छोटे सामान नहीं मिलते है, तथा उसको चलाने वाला कोई नहीं है। जिले की निवासी पूनम का कहना है, ''मेरा घर यहां सेे 40 किमी दूर है, मेरे पेट मे दर्द हो रहा था, डाक्टर ने चेक कराने को कहा, लेकिन यहां सुविधा न होने के कारण हमे अलग से चेकअप कराना पड़ रहा है।"

20 सितम्बर को स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने निरीक्षण करने के दौरान वहां पर नियुक्त प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को हटा दिया तथा वहां पर नियुक्त सर्जन को तत्काल प्रभाव से निलम्बित का दिया, लेकिन अभी तक किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है। अस्पताल को चलाने के लिए लगभग 26 डॉक्टरो की जरूरत है, लेकिन अभी तक यहां सिर्फ  10 से 11 डॉक्टर ही आते हैं। यहां पर नर्स, एएनएम, डॉक्टरों तथा दवाइयों की कमी के कारण लोगों का इस अस्पताल से भरोशा उठ गया है। कर्मचारियों की लापरवाही के कारण चिकित्सालय परिसर में पशु टहलते नजर आते हैं। डॉक्टरो का कहना है, ''यहां पर सभी प्रकार की मेडिकल सम्बंधित मशीने हैं, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण असुविधा हो रही है।"

 

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