चुनावी रंजिश में बदहाली की भेंट चढ़ गए आधा दर्जन गाँव

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चुनावी रंजिश में बदहाली की भेंट चढ़ गए आधा दर्जन गाँवगाँव कनेक्शन

रामसनेहीघाट (बाराबंकी)। जिले की शाहपुर ग्राम पंचायत में पूर्व ग्रामप्रधान और मौजूदा ग्राम प्रधान के बीच पिछले पाँच वर्षों से चुनावी रंजिश चली आ रही है,जिसके चलते यहाँ गाँवों में विकास नहीं हो पा रहा है। चुनावी रंजिश के कारण ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है। पंचायत के निवासी गाँव से सटी नदी का पानी पीने को मजबूर हैं, पंचायत में सरकारी नल तो लगवाए गए हैं, लेकिन वो नल आज भी खराब पड़े हैं। हाल यह है कि ग्राम पंचायत अधिकारी से लेकर खंड विकास अधिकारी भी ग्रामीणों की सुनने को तैयार नहीं है।

बाराबंकी मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर लखनऊ-फैजाबाद राष्ट्रीय राज्य मार्ग से जुड़ी तहसील रामसनेहीघाट के ब्लॉक बनीकोडर की ग्राम पंचायत शाहपुर के मजरे मुरारपुर गाँव के निवासी नदी का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। ग्राम पंचायत में लगभग तीन हज़ार की आबादी है।

पंचायत के  निवासी रामदुलारे (45 वर्ष) बताते हैं,''यहां के पूर्व ग्रामप्रधान रामफेर यादव और मौजूदा ग्राम प्रधान सुखराम निशाद के बीच पिछले पाँच वर्षों से चुनावी रंजिश चली आ रही है,जिसके चलते यहाँ गाँवों में विकास नहीं हो पा रहा है। नाली खड़ंजे जैसे के तैसे यूं ही पड़े हैं और गाँवों में न तो पक्की सड़के हैं और न ही नालियां।’’

पंचायत के मुरारपुर गाँव छोड़कर बाकी गाँवों की स्थिति खराब है। यहां पर सभी मकान कच्चे बने हुए हैं और ज़्यादातर लोग छतों के बजाए छप्पर के नीचे ही सोते हैं। दरअसल ग्राम पंचायत शाहपुर मजरे मुरारपुर सहित पंचायत के घुटघुटवा एमठ, शीतलापुर, कोइलहा सहित बाबाकूटी गाँवों में लोगों ने काफी प्रयास करने पर एक-दो सरकारी नल तो लगवा दिए हैं,लेकिन अक्सर ये नल खराब ही मिलते हैं, जिसके चलते मजबूरन गाँव की महिलाओं को पास की कल्याणी नदी का पानी घरों में ला कर पी रहे हैं।

ग्रामसभा की शाहपुर गाँव निवासी रूपादेवी (40 वर्ष) ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा,''जब गर्मी आती है तो गाँव के सरकारी नलों में पानी सूख जाता है।’’उनके बगल में बैठी गाँव की दूसरी महिला सुमन (35 वर्ष)ने बताया,''दो प्रधानों के बीच की रंजिश का फायदा ग्राम पंचायत सचिव से लेकर बीडीओ भी उठाते हैं,यहां आजतक तहसील के अधिकारियों ने हकीकत जानने की कोशिश तक नहीं की है। जब सेक्रेटरी से बात करो तो वो ये कह कर टाल देते हैं कि गाँव के लिए कोई सरकारी योजना नहीं आयी है।’’

पांच वर्ष पहले सुखराम निशाद को गाँव का मुखिया बनाने के बाद इस बार भी उनको प्रधान पद पर चुना गया है। पंचायत की हालत के बारे में बताते हैं,''भइया हम ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए पंचायत का सारा कामकाज पंचायत मित्र शरवन यादव और पंचायत सचिव बीपी सरोज के अलावा ग्राम समिति के लोग ही योजनाओं के बारे में जानते हैं।

इस बारे में जब बनीकोडर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा की अखबार में छपवा देना,आगे हम देख लेंगे।

रिपोर्टर - सतीश कश्यप

 

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