चूहों की सुरंगें गिरा सकती हैं चारबाग स्टेशन

दिति बाजपेईदिति बाजपेई   15 April 2016 5:30 AM GMT

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चूहों की सुरंगें गिरा सकती हैं चारबाग स्टेशनRATS DAMAGING STATION

लखनऊ। चारबाग रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक इमारत के नीचे बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। पटरियों के नीचे की जमीन खोखली हो गई है। हालात इतने बेकार हैं कि कई प्लेटफार्म और स्टेशन की बिल्डिंग कभी भी धंस सकती है। स्टेशन के एक बड़े अधिकारी ने तंज करते हुए कहा, “अरे भइया अगर रेलवे स्टेशन के नीचे बेसमेंट बनाना हो तो आधा काम हो चुका है, बस खानापूर्ति करना है।” हालांकि इतना कहने के बाद उनके चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती थी, इस अधिकारी समेत चारबाग रेलवे स्टेशन का पूरा स्टॉफ चूहों से परेशान है। रेलवे स्टेशन की जमीन में लाखों की संख्या में चूहे रह रहे हैं जो यात्रियों को नुकसान तो पहुंचाते ही हैं स्टेशन की धरती को भी खोलला कर चुके हैं। अधिकारी परेशान हैं हालांकि खुलकर कुछ नहीं बोलते। चूहों से परेशान एक महिला यात्री ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट किया था, जिसके बाद चूहों की समस्या बिल से बाहर आ गई। सुरेश प्रभु ने मंत्रालय को तत्काल इन चूहों को मारने के निर्देश दिए हैं। एक स्टेशन मास्टर ने बताया, “चूहों से यात्रियों के साथ पूरा रेलवे स्टॉफ परेशान है। पांच साल पहले पेस्ट कंट्रोल को 16 लाख का ठेका दिया था, जिससे चूहों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन जैसे ही टेंडर खत्म होता है तो उस दौरान चूहों की संख्या बढ़ जाती है।” 

चूहे का आतंक इतना है कि 13 महीने में दो बार टेंडर निकालने की नौबत आई है। पिछले वर्ष 29 मार्च को टेंडर निकाला गया था, और अब फिर 7.50 लाख रुपये का टेंडर निकाला गया है। हालांकि काम अभी शुरू नहीं हुआ है। स्टेशन पर चूहों ने करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे बिल बना रखे हैं, जो एक ओर रेलवे कॉलोनी में खुलते हैं तो दूसरी ओर चारबाग के होटलों तक उनकी पहुंच है, जिससे इनको मारने में भी दिक्कत आती है। लखनऊ से दिल्ली के बीच अक्सर लखनऊ मेल में सफर करने वाले राजाजीपुरम के सत्यदेव तिवारी बताते हैं, ये सामान्य चूहे नहीं है, एक-एक चूहा 10-10 किलो का है, छोटे बच्चों को ये खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं। चूहों के आंतक के बारे में भारतीय डाक सेवा के सुप्रीटेंडेंट रामविलास अपने कमरें में खुदे गड्डों को दिखाते हुए कहते हैं, इऩ्हें बिल नहीं सुरेंगे कहिए, चूहों ने सरकारी कागजों के साथ रोजाना कीमतीं चीजों को कुतर डालते हैं। ये सुरेंगे कितनी गहरी हैं आप अंदाजा नहीं लगा सकते।”

ट्रेनों को है खतरा: टीसी विभाग के अधिकारी बताते हैं “रेलवे ट्रैक को मजबूत कराने के बावजूद भी उसमें गहरी सुरंगे बनी हुई हैं, जिससे ट्रेनों को भी खतरा है। इन चूहों के साथ एक समस्या और भी है यह किसी से डरते नहीं हैं बल्कि आम लोग इनसे डरते हैं। कभी-कभी तो यह ट्रेनों में भी चढ़ जाते हैं और यत्रियों के खाने-पीने के बैग को काट देते हैं।” 

अपनी बात को जारी रखते हुए टीसी विभाग के कर्मचारी बताते हैं “हम लोगों को मनी व्ल्यू बुक मिलती है जिसके खो जाने पर पचास हजार रुपए रेलवे को देने पड़ते हैं। चूहे बैग में घुस कर इसे भी कुतर देते हैं। कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है जहां पर इनको रखा जा सके।”

कई कर्मचारी और यात्रियों चुके हैं काट: गाँव कनेक्शन ने जब रेलवे के कई कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि मजबूरी में हमें गर्मी में जूता पहन के बैठना पड़ता है कि कहीं चूहा न काट ले। डाकघर के कर्मचारी वेद सिंह बताते हैं, “हमारे विभाग में ऐसा कोई नहीं है जिसको चूहों ने काटा न हो।” कई रेलयात्री भी काटने की शिकायत कर चुके हैं। क्योंकि चूहे रेलवे ट्रैक पर गंदगी में रहते हैं फिर यात्रियों के खाने-पीने का सामान छूते हैं, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।

 

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