ढिबरी की लौ में कट रही है कई परिवारों की जि़ंदगी

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ढिबरी की लौ में कट रही है कई परिवारों की जि़ंदगीगाँव कनेक्शन

घोरावल (मिर्जापुर)। स्थानीय तहसील घोरावल के अन्र्तगत आज भी कई ऐसे गाँव हैं जहां के निवासी ढीबरी की लौ में अपनी जिन्दगी काटने पर विवश है। 

भरकरना ग्राम को छोड़कर उस ग्राम सभा के भगाही, कोनहर, चनवा, निश्चिन्तपुर, दुसरापुरा के अलावा और भी तमाम ऐसे गाँव हैं जहां के निवासी बिजली जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति लिए टकटकी लगाए बैठेे हैं। 

मायावती के शासनकाल में 2010 में भरकना के तीन टोले कोनहर भगाही और निश्चिन्तपुर को अम्बेडकर गाँव घोषित किया गया था और 2011 में बिजली के पोल लगाए गए थे, लेकिन आज तक किसी पोल पर कोई तार वगैरह न लगने से गाँववाले आज भी बिजली की सुविधा से वंचित हैं। 

निश्चिन्तपुर गाँव के संजय (35 वर्ष) बताते हैं, ''जब से होश सम्भाला है ढीबरी की लौ में ही रात गुजरी है।"

घोरावल ब्लाक में लगभग 142 ग्राम सभा है। बहुत से गाँवों  में सिर्फ चार से पांच घन्टे बिजली आती है। ज्यादातर ग्रामीण बताते है, ''बिजली कब आती है और चली जाती है पता ही नही चलता है।"

भगाही के अरुण ओझा (22 वर्ष) बताते हैं, ''गाँव में बिना तार के पोल और टांसफार्मर, शो पीस बन जंग खा रहे हैं। नंगे पोल इस बात की गवाही दे रहे है कि कभी यहां बिजली की आपूर्ति रही होगी। जबकि हकीकत यह है कि आज तक इन टोलों में कभी बिजली व्यवस्था रही ही नही। बगल के गाँव सोनहटी से तार खीच कर खेती के लिए विद्युत की व्यवस्था करना पड़ती है, जिसका भुगतान लगभग 600 रूपयें के आस-पास करना पड़ता है।"

भगाही के सत्य प्रकाश (35 वर्ष) सहित दर्जनों ग्रामीण बताते हैं, ''हम लोगों ने कई बार तहसील दिवस पर एसडीएम, विद्युत विभाग के जेई, एक्सईन आदि को बिजली आपूर्ति के लिए अर्जी दी है, पर आज तक न कोई सुनवाई हुई न ही कोई कार्रवाई हुई।

वर्तमान विधायक, सांसद को भी इस बात से अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक किसी भी तरफ से कोई प्रतिक्रिया न होने से गाँववालों में निराशा व्याप्त है।

सोनभद्र ज़िले में आठ ब्लाक है जहां बिजली की समस्या से ज्यादातर गाँव ग्रसित है आए दिन कही ना कही बिजली की बदहाली पर गाँव के लोग आन्दोलनरत दिखाई देते है। गाँवों में 8 से 9 घण्टे बिजली आती है। प्रदेश सरकार की  घोषणा अनुसार, शहरों में 20 घंटे और गाँवों के लिए 18 घंटे बिजली  पर आज तक अमल नही हो पाया है। 

इस पर घोरावल सपा विधायक रमेश दूबे बताते हैं, '' ग्रामीणों को बिजली सुचारू रूप से मिले इसके लिए मैंने घुवास कालोनी में 33/11 केवी का चार करोड़ सात लाख की लागत से विद्युत उपकेन्द्र का शिलान्यास किया है जिससे जल्द ही लोगों को बिजली समस्या दूर हो जाएगी।

जिस सोनभद्र जिले से पूरे प्रदेश के लोगों को प्रकाश मिल रहा है वहीं के लोग बिजली की समस्या से संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। 

चन्द्रशेखर-एसडीओ, विद्युत विभाग, राबर्टसगंज मायावती के शासनकाल मेें जो भी गाँव अम्बेडकर ग्राम घोषित हुआ था वहा विद्युत कार्य हुआ है लेकिन चनवा, निश्चिन्तपुर और भगाही को जब तक इसका लाभ मिल पाता तब तक उस क्षेत्र के विकास से सम्बन्धित फंड खत्म हो जाने से कार्य पूरा नही हो पाया है। अब जब तक गाँव कोई योजना के अन्र्तगत चयनित नहीं होता है तब तक  विद्युत के विकास का कोई कार्य सम्भव नही है। हां, इतना जरूर है कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युत योजना के तहत सारे गाँवों का विद्युतिकरण होगा लेकिन यह योजना कब तक लागू होगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।

रिपोर्टर - अरुण कुमार पाण्डेय 

 

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