डीजल टैक्सियों को बंद कराने के लिए दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय से मांगा समय
गाँव कनेक्शन 3 May 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली सरकार ने कानून-व्यवस्था की समस्या और लोगों को हो रही असुविधा का हवाला देते हुए डीजल टैक्सियों को बंद करने के लिए उच्च न्यायालय से समय मांगा है।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला की पीठ ने दिल्ली सरकार से एक उपयुक्त विस्तृत एवं कारगर योजना जमा करवाने के लिए कहते हुए कहा कि जब भी ऐसे फैसले लिए जाते हैं लोगों को असुविधा होती ही है।
पीठ ने ये भी कहा कि अगर सुझाव आज दे दिए जाते हैं तो पीठ कल इस मामले की सुनवाई करेगी। इस सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील चंद्र उदय सिंह ने दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के चलते राष्ट्रीय राजधानी में डीजल टैक्सियां नहीं चल रही हैं जिससे आम लोगों को असुविधा हो रही है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा कि वाहनों को तय समय में चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने के लिए कुछ वक्त दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘मंगलवार शाम चार बजे तक आप एक मास्टर प्लान जमा करवाइए, जिसमें ये विस्तार से बताया गया हो कि इन वाहनों को आप चरणबद्ध तरीके से कैसे हटाएंगे और आपकी योजना क्या है और आप किस तरह इस स्थिति से निपटेंगे?' पीठ ने दिल्ली सरकार से ये भी पूछा कि वाहनों के पंजीकरण का क्या होगा और क्या वो उन्हें रोकेगी? इसके साथ ही पीठ ने सरकार से कहा कि वो इस संदर्भ में जो कुछ करना चाहती है, उसकी विस्तृत जानकारी दे।
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