आंगनबाड़ी केंद्र को नहीं नसीब हुआ भवन

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आंगनबाड़ी केंद्र को नहीं नसीब हुआ भवनआंगनबाड़ी केंद्र को नहीं नसीब हुआ भवन

वीरेंद्र शुक्ला (कम्यूनिटी रिपोर्टर)

बाराबंकी। सरकार द्वारा गरीब बच्चों को कुपोषण से बचाने एवं प्राथमिक शिक्षा से जोड़ने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया गया, लेकिन भवनों के अभाव में आंगनबाड़ी केन्द्र अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रही हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र में छोटे बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है। प्रदेश में एक लाख 12 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं कुछ केंद्रों के पास अपना खुद का भवन नहीं है जिससे बच्चों को पढ़ाने में कार्यकत्रियों को परेशानी होती है। गाँव के लोग अपने बच्चों को अंगनबाड़ी केन्द्र भेजना नहीं चाहते हैं।

बाराबंकी जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर बंकी ब्लॉक के दरियालपुर कि आगनबड़ी कार्यकत्री उमा देवी बताती हैं, "यहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए आये दिन प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका से लड़ाई करनी पड़ती है, भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव जारी हो चुका है, लेकिन प्रधान भवन निर्माण के लिए जगह नहीं दे रहे हैं। गाँव के लोग अपने बच्चों को यहां भेजने में आना कानी करते हैं।"

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को आज तक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है। वही कई पंचायतों में आगनबाड़ी केन्द्रों के बनने के प्रस्ताव आ चुके है, लेकिन प्रधान के द्वारा केन्द्र निर्माण के लिए जगह नहीं दी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ भवन निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री बाल मेनिका गांधी से आंगनबाड़ी केंद्रों में खुद के भवन नहीं होने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंन बताया, "2019 तक चार लाख आंगनबाड़ी केन्द्र बन जायेंगे। वर्तमान समय में 70 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र बन रहे हैं। भवन निर्माण की योजना बनाई गई है। कार्य तेजी से किया जा रहा है।"

उत्तर प्रदेश के 16 लाख बच्चे नहीं जाते स्कूल

यूनिसेफ की 'द स्टेट ऑफ द वार्ड चाइल्ड रिपोर्ट 2016' के अनुसार उत्तर प्रदेश के 16 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। इस बारे में अजय कुमार एनसीआरटी के संयूक्त निदेशक बताते हैं, "प्रदेश में बहुत अघिक संख्या में बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। इसका सबसे बड़ा कारण गरीबी है।"

"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."

     

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