किसानों की न जमीन ले रहे, न मुआवजा दे रहे

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किसानों की न जमीन ले रहे, न मुआवजा दे रहेजिलाधिकारी कार्यालय में किसानों ने किया घेराव 

लखनऊ। चिनहट के तकरोही में पूर्वी विहार योजना के तहत जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद अब तक मुआवजा नहीं देने से आक्रोशित ग्रामीणों ने भैंसाकुंड रोड पर प्रदर्शन कर के जाम लगा दिया। ये लोग जीपीओ चौराहे पर जब प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे, तब पुलिस ने इनको रोका। किसानों का आरोप है कि पूर्वी विहार योजना के नाम पर उत्तर प्रदेश आवास संघ ने उनके कुछ गांवों की करीब 650 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था, मगर अब तक इसमें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन के अफसर इस जमीन में घालमेल कर के किसानों का हक मारना चाहते हैं।

इससे पहले भी किसानों ने किया था घेराव

इस मामले में इससे पहले सितंबर में भी किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया था और गेट पर ताला डाल दिया था। करीब दो घंटे तक कलेक्ट्रेट पर किसान डटे रहे थे और इस दौरान अफसर और कर्मचारी भी कैद रहे थे। देर शाम प्रशासनिक अफसरों ने किसानों को जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया था।

जिलाधिकारी कार्यालय के सामने डाला डेरा

जनहित एवं किसान कल्याण समिति के बैनर तले कंचनपुर, मटियारी, तकरोही, चिनहट, कमता और हरदासी खेड़ा के किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने डेरा डाल दिया। किसानों की मांग की थी कि वर्ष 2001 में आवास संघ द्वारा पूर्वी विहार योजना के तहत जमीन अधिग्रहित की थी। योजना के अधिग्रहण के 15 वर्ष बाद भी आज तक अवार्ड नहीं घोषित किया गया है। जनहित एवं किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष दुर्गेश यादव और सचिव अजीत यादव का आरोप है कि किसानों का 659.49 एकड़ भूमि पर किसानों का भौतिक कब्जा है, इसके बावजूद प्रशासनिक अफसरों ने मिलीभगत से जमीन आवास संघ के नाम कर दी है।

कोई सुनने को तैयार नहीं

उनका आरोप है कि आवास संघ द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और जमीनें एलडीए और यूपीएसआइडीसी को देने की बात कही जा रही है। किसानों का कहना था कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। किसानों के पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। करीब दो घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान अधिकारी कलेक्ट्रेट में ही फंसे रहे।

   

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