इसरो ने लगाई बड़ी छलांग, पीएसएलवी से दागे आठ उपग्रह
गाँव कनेक्शन 26 Sep 2016 11:39 AM GMT

चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को बड़ी छलांग लगाई है। इसरो का पीएसएलवी सी-35 अपने सबसे लंबे मिशन के लिए रवाना किया गया है। इस अभियान के तहत पोलर उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से एक साथ 8 सेटलाइट को लांच किया है। पीएसएलवी को श्रीहरिकोट के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज सुबह 9:12 बजे लांच किया गया, जिसमें सबसे लंबी फ्लाइट स्कैटसैट-1 को मौसम और सागर संबंधी जानकारियां उपलब्ध करेगा। यह प्रक्षेपण अभियान 2 घंटे 15 मिनट में पूरा होगा। वहीं, इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने बताया कि पीएसएलवी उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा। पीएसएलवी का यह पहला ऐसा मिशन है, जिसके तहत सेटेलाइट को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
आठ उपग्रहों में यह हैं शामिल
अल्जीरिया के तीन सेटेलाइट
इस प्रक्षेपण में आठ सेटेलाइट्स में भारत समेत दूसरे देशों के भी सेटेलाइट शामिल हैं। इसमें अल्जीरिया के तीन सेटेलाइट हैं, जिनमें अल्सैट-1बी, अल्सैट-2बी और अल्सैट-1एन शामिल हैं। अल्सैट-1बी कृषि के साथ मौसम और प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रखने के लिए तैयार किया गया है। वहीं, अल्सैट-2बी मल्टीस्पेक्ट्रल इमेज खींचने में सहयोग करेगा, जबकि अल्सैट-1एन एक नैनोसेटेलाइट है।
भारत के तीन सेटेलाइट
आठ उपग्रहों में भारत के 3 सेटेलाइट्स हैं। इनमें स्कैटसेट-1 मौसम संबंधी सेटेलाइट है। वहीं, प्रथम और पीसेट भी हैं। पीसेट एक नैनोसेटेलाइट है, जिसे रिमोट सेंसिंग के लिए तैयार किया गया है।
कनाडा और अमेरिका से एक-एक सेटेलाइट
इसके अलावा कनाडा और अमेरिका से एक-एक सेटेलाइट को लांच किया गया है। इनमें कनाडा से एनएलएस-19 और अमेरिका से पाथफाइंडर-1 शामिल है। एनएलएस-19 एक नैनोसेटेलाइट कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट पर नजर रखने के लिए है। इसके अलावा पाथफाइंडर-1 एक हाईरिजोल्यूशन इमेजिंमग माइक्रोसेटेलाइट है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी इसरो को बधाई
इस कामयाबी पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को ट्वीट कर बधाई दी है।
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