90 साल पुरानी खाकी निकर छोड़ आज से ब्राउन फुल पैंट पहनेगा RSS
गाँव कनेक्शन 11 Oct 2016 11:04 AM GMT

लखनऊ। आज राष्ट्रीय स्वसंयवेक संघ के 90 साल पूरे हो गए हैं। आज का दिन RSS के लिए यादगार साबित हुआ है, क्योंकि 90 साल से RSS चली आ रही ड्रेस में बदलाव किया गया है। RSS के कार्यकर्ता अभी तक जो खाकी निकर पहनते चले आ रहे थे आज से उसे छोड़ कर फुल ब्राउन पैंट पहननी शुरू कर दी है। संघ के स्वयंसेवकों ने आज विजयादशमी के मौके पर आयेाजित समारोह में खाकी निकर की बजाय ब्राउन फुल पैंट में पथ संचालन (मार्च) किया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस के स्थापना दिवस पर कहा, ''इस बार की विजयादशमी बहुत खास है। हमने 90 साल पूरे कर दिए हैं। यूनिफॉर्म में बदलाव से शायद मीडिया आकर्षित हो।'' उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है। देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। हालांकि दुनिया की कुछ शक्तियां भारत को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहतीं। भागवत ने कहा, ''मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत सारा कश्मीर हमारा है। पाकिस्तान कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा दे रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक पर संघ प्रमुख ने कहा, ''सरकार ने बहुत शानदार कदम उठाया। भारतीय सेना ने हिम्मत का काम किया। यशस्वी नेतृत्व ने पाकिस्तान को अलग-थलग किया।''
इस संगठन में एक पीढ़ीगत बदलाव आएगा जिसे BJP का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है। संघ ने स्वयंसेवकों के लिए मोजों के रंग को बदलने की भी मंजूरी दे दी है और पुराने खाकी रंग की जगह गहरे ब्राउन रंग के मोजे इसमें शामिल होंगे। हालांकि परंपरागत रूप से शामिल दंड गणवेश का हिस्सा बना रहेगा।
वैद्य ने बताया कि आठ लाख से अधिक ट्राउजर वितरित कर दिए गए हैं। इनमें छह लाख सिले हुए ट्राउजर हैं और दो लाख का कपड़ा है जो देशभर में संघ कार्यालयों पर पहुंचा दिए गए हैं। वैद्य ने बताया कि 2009 में गणवेश में बदलाव का विचार किया गया था लेकिन तब इस पर आगे काम नहीं हो सका। विचार-विमर्श के बाद 2015 में इस प्रस्ताव को फिर से आगे बढ़ाया गया और निकर की जगह ट्राउजर को वेशभूषा में शामिल करने की आम-सहमति बन गई संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस प्रस्ताव पर कुछ महीने पहले मुहर लगाई थी।
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