टॉयलेट 20-20 हार रहा है भारत: इस रफ़्तार से मोदी का #स्वच्छभारत वर्ष 2019 नहीं, 2090 तक बनेगा

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टॉयलेट 20-20 हार रहा है भारत: इस रफ़्तार से मोदी का #स्वच्छभारत वर्ष 2019 नहीं, 2090 तक बनेगाPM Modi launching the Swachh Bharat campaign

गाँव कनेक्शन रिपोर्टर

लखनऊ: अगर आप "स्वच्छ भारत" अभियान के वेबसाइट जाएँ तो आपको लगेगा कि कोई 20-20 क्रिकेट मैच देख रहे हैं -- "ग्रामीण डैशबोर्ड" पर हर पल अपडेट होता है कि घरों में कितने शौचालय बने, कितने गाँव खुले में शौच से मुक्त हुए, आदि. नज़र हटी नहीं कि एक क्षण में आंकड़ा बदल जाता है और देश के किसी कोने में कुछ शौचालय और बन जाते हैं. इस खबर के लिखे जाते वक़्त सरकारी सैंकड़ों के 2.42 करोड़ में शौचालय बन चुके थे और 93,600 से अधिक गाँव शौच मुक्त हो चुके थे.

swach bharat

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी "स्वच्छ भारत" कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है और ये सरकार की बड़ी प्राथमिकताओं में से भी है. इसके तहत वर्ष 2019 तक सरकार हर घर में शौचालय और खुले से शौच मुक्ति दिलाना चाहती है.

इस अभियान का स्वागत नागरिकों ने किया, सोशल मीडिया के करोड़ों बाशिंदों ने किया और इसे सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान व मीडिया समूह भी तेज़ी से अपना रहे रहे हैं, चाहे निस्वार्थ या मीडिया में पब्लिसिटी और प्रधानमंत्री की तारीफ बटोरने खातिर. लेकिन एक नए आंकलन के अनुसार भारत 2019 में इस लक्ष्य को किसी भी हालात में नहीं हासिल नहीं कर पायेगा.

पर्यावरण के मुद्दे से जुड़े भारत की अग्रणी संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के अनुसार भारत के प्रमुख राजनेताओं के अपने चुनावी क्षेत्रों तक में शौचालय बनने बेहद सुस्त है

मिसाल के तौर पर: प्रधानमंत्री मोदी के अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी में अब तक 7,327 शौचालय बने हैं, 234,489 शौचालय बनने बाक़ी हैं और इस वर्ष की रफ़्तार से अभी लक्ष्य को पूरा करने में 32 वर्ष और लगेंगे -- यानी ये लक्ष्य वर्ष 2048 में पूरा होगा

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केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के चुनाव क्षेत्र पूर्वी चंपारण, बिहार में 11,162 शौचालय बने हैं और 829,391 शौचालय बनने हैं -- जो आज की रफ़्तार के हिसाब से वर्ष 2090 तक बनेंगे। उनकी कैबिनेट सहयोगी, केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी के चुनाव क्षेत्र में ये लक्ष्य 2044 तक पूरा हो पायेगा

कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली में ये लक्ष्य वर्ष 2060 तक पूरा होने का अनुमान है, और उनके बेटे राहुल गाँधी के क्षेत्र अमेठी में ये अभी की रफ़्तार से वर्ष 2043 में पूरा होगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र कन्नौज में इस वर्ष की रफ़्तार से यह लक्ष्य वर्ष 2082 में पूरा होगा। साथ ही साथ कई केंद्रीय मंत्रियों सुरेश प्रभु, अनंत कुमार, जगत प्रसाद नड्डा व मनोहर पर्रिकर के चुनाव क्षेत्रों के लक्ष्य समय से पहले पूरे होते दिख रहे रहे हैं

      

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