कमाल की जेल: परिवार के साथ रहते हैं कैदी
गाँव कनेक्शन 7 Oct 2016 12:15 PM GMT
भोपाल (भाषा)। शंकर, इमरान, मुकेश, मांगीलाल, धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, हरिराम, महेश आदि रोज सुबह उठने के बाद नित्य क्रिया से निवृत्त होकर दो जून की रोटी के लिए निकल जाते और शाम को वापस आकर परिवार के साथ मनोरंजन के लिए टीवी देखते हैं और फिर भोजन इत्यादि कर सो जाते हैं, दूसरे दिन फिर यही दिनचर्या होती है। इनका जीवन आम भले ही लगता है लेकिन इसमें खास बात यह कि यह सब लोग एक खुली जेल के कैदी हैं।
होशंगाबाद में बनी 32 करोड़ रुपए से मध्य प्रदेश की पहली खुली जेल
मध्यप्रदेश सरकार ने खुली जेल की अवधारणा को लगभग पांच साल पहले होशंगाबाद में लागू किया था। होशंगाबाद में 17 एकड क्षेत्रफल में 32 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश की पहली खुली जेल बनाई गई थी। यहां 25 कैदियों के रहने के लिए आवास बनाए गए हैं। यहां कैदी आवास में अपने परिवार के साथ रहते हैं और दिन-भर शहर में अपना काम-काज कर वापस शाम ढले अपने परिवार के पास जेल में बने आवास में लौट आते हैं।
मापदंडों पर खरे उतरने के बाद ही खुली जेल के लिए होता है कैदियों का चयन
मध्यप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) सुशोभन बैनर्जी ने बताया, ‘‘कैदियों को जेल से रिहा होने के बाद पुन: समाज की मुख्यधारा में समरस होने का मौका देने के उद्देश्य से उनकी सजा के अंतिम एक-दो साल के लिए उन्हें इस खुली जेल में रखा जाता है। खूली जेल में कैदियों को भेजने के लिए पूरी एक चयन प्रक्रिया है, इन सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही कैदियों का खुली जेल में रहने के लिए चयन किया जाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसमें विशेषतौर पर ऐसे कैदियों का चयन किया जाता है जो कि आदतन अपराधी नहीं होते तथा 10-12 वर्ष की कैद के बाद उनकी सजा के अंतिम एक-दो साल ही शेष रहते हैं।''
सतना में हो रहा एक और खुली जेल का निर्माण
बैनर्जी ने बताया, ‘‘होशंगाबाद खुली जेल का प्रयोग सफल रहा है, अब सतना में एक और खुली जेल का निर्माण किया जा रहा है जो कि अगले साल तक चालू हो जाएगी। इसके बाद प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, और उज्जैन में भी इस तरह की खुली जेल शुरू की जाएगी। प्रत्येक जेल में 25 कैदियों के परिवार सहित रहने की व्यवस्था रहेगी।'' खुली जेल में रहने वाले मुकेश केवट का कहना है कि परिवार के भरण पोषण के लिए वह सब्जी का व्यवसाय करता है, खुली जेल में अन्य बंदी भी रोजगार से जुड़े हुए। कोई केंटीन चलाता है तो कोई फल बेचता है, आमदनी से परिवार का भरण पोषण किया जाता है। उसने कहा, ‘‘हम खुश है कि हमें सजा के दौरान परिवार का साथ मिल रहा है और हमारे बच्चे पढ़ने भी जाते हैं।''
खुली जेल में 25 बंदियों के रहने की व्यवस्था : जेलर
होशंगाबाद खुली जेल के अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि होशंगाबाद खुली जेल में 25 बंदियों के रहने की व्यवस्था है। सात कैदियों की रिहाई के बाद फिलहाल यहां 18 बंदी अपने परिवार सहित रहे रहे हैं।''
More Stories