धर्म और अधर्म युद्ध में जल गए पांच करोड़

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धर्म और अधर्म युद्ध में जल गए पांच करोड़सूरजकुंड पार्क की क्षतिग्रस्त दीवारें और अन्य सामान।

रिपोर्ट: परवेज़ त्यागी

मेरठ। दशहरा के दिन लंकापति राक्षसराज दहन के दौरान शहर के आदर्श पार्क सूरजकुंड की सुन्दरता रावण की भेंट चढ़ गई। पार्क का मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा पांच करोड़ रुपये की लागत से सौन्दर्यीकरण कराया गया था, जो धर्म और अधर्म के बीच युद्ध में नष्ट हो गया। अयोघ्यापति राम के अंतिम तीर से जैसे ही बुराई का अंत हुआ तो मौके पर मौजूद भीड़ ने विजय के जश्न में पार्क की सौन्दर्यता को अस्त-व्यस्त कर डाला।

देखते ही बनती थी पार्क की सुंदरता


सूरजकुंड पार्क की क्षतिग्रस्त दीवारें और अन्य सामान।

मेरठ विकास प्राधिकरण ने वर्ष-2012 में शहर को एक आदर्श पार्क का तोहफा देने के लिए सूरजकुंड स्थित पार्क को चयनित किया था। पार्क को आदर्श बनाने के लिए इसके सौन्दर्यीकरण पर प्राधिकरण द्वारा पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए। इतना ही नहीं, क्रांतिधरा के इतिहास की शान और आकर्षण के लिए पार्क के बीचों बीच 41 मीटर ऊंचा तिरंगा झंडा भी लगाया गया है। प्राधिकरण ने पार्क के बीच बिंदु को लाल पत्थर की दीवारों से सजाया था। सीढ़ियों पर विशेष प्रकार का पत्थर लगाया गया, जिससे पार्क की सुन्दरता देखते ही बनती है। इसके अलावा पार्क में रंग-बिरंगे फूल और पौधों रोपे गए है, जो हरियाली के साथ-साथ पार्क को खूशबू से तर-बतर किए हुए थे।

जमकर मचाया उत्पात


सूरजकुंड पार्क की क्षतिग्रस्त दीवारें और अन्य सामान।

किंतु दशरहा के दिन रावण दहन के दौरान पार्क में जुटी भीड़ ने विजय जश्न में जमकर उत्पात मचाकर पार्क की हरियाली और सौन्दर्यीकरण को नष्ट कर दिया। इस राणव दहन में जहां प्राधिकरण को पांच करोड़ रुपये की चपत लग गई, वहीं पार्क की आदर्शता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।

ये कराएं गए थे पार्क में कार्य

सूरजकुंड पार्क की क्षतिग्रस्त दीवारें और अन्य सामान।

मेरठ विकास प्राधिकरण ने वर्ष-2012-13 में आदर्श पार्क के सपने को पूरा करने के लिए सूरजकुंड पार्क के सौन्दर्यीकरण पर पांच करोड़ रुपये की लागत से सिविल वर्क, सेतू निर्माण, फुटपाथ निर्माण, उद्यानीकरण और विद्युतीकरण का कार्य कराया था। दशहरा के दिन पार्क की दीवारें, टाईल्स और पौधों को भारी क्षति पहुंचाई गई है।

रखरखाव पर प्राधिकरण-निगम में टकराव

सूरजकुंड पार्क की क्षतिग्रस्त दीवारें और अन्य सामान।

सूरजकुंड पार्क के रखरखाव को लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण और नगर निगम में टकराव हो गया है। पार्क में रावण दहन पर हुई क्षति को लेकर जब दोनों विभागों को अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने अपने जिम्मेदारी से पल्ला झा़ड़ लिया। प्राधिकरण के मुख्य अभियंता शबीह हैदर का कहना है कि जब वर्ष 2013 में एमडीए द्वारा पार्क के रखरखाव को लेकर टेंडर निकाला गया था, उस पर नगर निगम ने आपत्ति की थी और अपना अधिकार पार्क पर जताते हुए रखरखाव करने की बात कही थी। वहीं नगर निगम के मुख्य अभियंता कुलभूशण वाष्णेर्य का कहना है कि सूरजकुंड पार्क को निगम के हैंडओवर नहीं किया गया है, ऐसे में पार्क के रखरखाव की पूर्ण जिम्मेदारी प्राधिकरण की ही बनती है। हालांकि यह बात मेरी तैनाती से पूर्व की है।

   

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