जल्लीकट्टू समर्थकों ने प्रदर्शन किया, 149 लोग हिरासत में लिए गए

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जल्लीकट्टू समर्थकों ने प्रदर्शन किया, 149 लोग हिरासत में लिए गएपोंगल के अवसर पर मदुरै के कैरीसालकुलम गाँव में लोकप्रिय प्राचीन खेल जलीकट्टू पर कोर्ट से रोक के बावजूद सांड को पकड़ते युवकों का दल।

मदुरै(भाषा)। पोंगल उत्सव के दौरान होने वाले पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर प्रतिबद्ध लोगों ने आज इस खेल पर प्रतिबंध के विरोध में आंदोलन की शुरुआत करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार पर दबाव बनाया। कुल 149 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

जल्लीकट्टू पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद इस खेल के धुर समर्थक लोग इसके आयोजन का रास्ता साफ करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। इन समर्थकों के साथ प्रमुख राजनीतिक दल भी हैं। पोंगल के मौके पर आज अवनियापुरम में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया और अगले दो दिनों में पलामेदु और अलंगनल्लूर में इसका आयोजन होने वाला है। पुलिस के अनुसार अलंगनल्लूर में रेल रोको प्रदर्शन में शामिल 68 ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया गया। अवनियापुरम बस स्टैंड के निकट फिल्म निदेर्शक गौतमन की अगुवाई में प्रदर्शन कर रहे कई नौजवानों को हिरासत में लिया गया।

मदुरै शहर के पुलिस आयुक्त शैलेश कुमार यादव ने बताया, “कानून-व्यवस्था बरकरार रखने और उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हमने गौतमन और 148 अन्य लोगों को हिरासत में लिया।” उन्होंने कहा कि पुलिस ने फिल्म निर्देशक को 15-20 मिनट तक भाषण देने की इजाजत दी थी, लेकिन बाद में उनका भाषण ‘भड़काऊ' हो गया।

एक या दो स्थानों पर जल्लीकट्टू के आयोजन के दावों पर यादव ने कहा, “कहीं भी जल्लीकट्टू का आयोजन नहीं हुआ है और आगे भी नहीं होगा। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कानून का पालन हो।” अलगंगनल्लूर से लगे एक गाँव में एक युवक मोबाइल फोन टावर पर चढ़ गया और जल्लीकट्टू की इजाजत दिए जाने की मांग करने लगा।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव आर मुथरसन और पीएमके प्रमुख रामदास ने दावा किया कि अवनियापुरम में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया गया। दूसरी तरफ, पुलिस ने कहा कि सिर्फ लोगों को हिरासत में लिया गया। उधर, भाजपा की तमिलनाडु इकाई की अध्यक्ष टी सौंदरराजन ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय जल्लीकट्टू के पक्ष में फैसला देगा। सौंदरराजन ने कहा कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंद्ध 2012 में संप्रग सरकार के दौरान लगाया गया और उस सरकार में द्रमुक भी शामिल थी। उन्होंने कहा, “द्रमुक को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने जल्लीकट्टू समर्थकों पर कथित लाठीचार्च की निंदा की।

पशु अधिकार संगठन पेटा से जुडने के लिए जल्लीकट्टू समर्थक समूहों द्वारा निशाना बनाए जाने पर अभिनेत्री तृषा ने कहा कि उन्होंने कभी भी जल्लीकट्टू के खिलाफ नहीं बोला। पेटा इस खेल का विरोध करती है। जल्लीकट्टू के कुछ समर्थकों ने कल शिवगंगा जिले में तमिल फिल्म ‘गर्जनई’ के शूटिंग स्थल का घेराव किया था जिसमें अभिनेत्री तृषा भी काम कर रही हैं। हालांकि उस वक्त अभिनेत्री मौजूद नहीं थी। सोशल मीडिया पर पेटा का टी शर्ट पहने हुए तृषा के चित्र वाला निंदात्मक संदेश वायरल हो रहा है। अभिनेत्री ने आज पूछा कि क्या इस तरह का व्यवहार तमिल संस्कृति के मुताबिक है। जल्लीकट्टू के समर्थकों ने इस खेल पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा है कि यह उनकी संस्कृति का हिस्सा है।


 

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