शातिरों पर अंकुश लगा गई ‘स्याही’

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शातिरों पर अंकुश लगा गई ‘स्याही’बैंकों के बाहर से चालबाजी कर पैसा बदलने वालों की भीड़ गायब हो गई है। (साभार: गूगल इमेज)

स्वयं डेस्क

उन्नाव। नोटबंदी के फैसले के बीच अव्यवस्था फैला रहे शातिरों पर अंगुली में स्याही लगाने का फरमान जरूरतमंदो के लिए राहत बनकर आया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अंगुली पर स्याही लगाने का फरमान आने के बाद से बैंकों के बाहर से चालबाजी कर पैसा बदलने वालों की भीड़ गायब हो गई है।

जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा था अवसर

गुरुवार के बाद से ऐसे लोगों की भीड़ एकदम नदारद हो गई है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों का पैसा आसानी से बदल गया। वहीं, शातिरों की भीड़ हटने से लोग कम समय में पैसा भी निकाल सकें। 500 और एक हजार रुपये के नोटों को बंद किए जाने के निर्णय के बाद से ही बैंकों में प्रतिबंधित रुपयों को बदलने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए आवेदन फार्म के साथ प्रमाण पत्र की एक फोटोकॉपी लगाकर रुपयों को जमा कराया जा रहा था।

कम हो गई है बैंकों के बाहर की कतार

ऐसे में कुछ शातिर लोगों द्वारा अलग अलग बैंकों के खातों में रुपये जमा किए जा रहे थे और सरकारी व्यवस्था इसे पकड़ भी नहीं पा रही थी। इस बीच आरबीआई ने बुधवार से प्रतिबंधित नोटों के जमा करने की पूरी प्रक्रिया ही बदल दी थी। आरबीआई द्वारा जारी किए गए निर्देशों के बाद से बैंक में रुपये बदलने पहुंच रहे लोगों की अंगुली पर स्याही लगाई जाने लगी। इस प्रक्रिया के बाद से उन लोगों की भीड़ बैंक के बाहर से छंट गई जो बार-बार अलग-अलग खातों में पैसा जमा करने के साथ रुपये बदलने के लिए पहुंच रहे थे। ऐसे लोगों की वजह से ही बैंकों के बाहर अधिक भीड़ उमड़ रही थी वहीं वह लोग भी समय से पैसा नहीं जमा कर पा रहे थे जिन्हें जरूरत थी। आरबीआई के स्याही वाले निर्देश ने अब उन लोगों की कमाई भी बंद कर दी है जो रुपये लेकर बैंकों में पैसे बदलने पहुंच रहे थे।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

  

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