आईडीएस भुगतान की राशि का स्रोत नहीं पूछें बैंक: आईबीए
vineet bajpai 28 Nov 2016 12:02 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत कर और जुर्माने की पहली किस्त के भुगतान की अंतिम तारीख पास में आने के बीच बैंकों से कहा गया है कि इस तरह का भुगतान बिना किसी बाधा के स्वीकार किया जाए और जमाकर्ता से धन के स्रोते के बारे में नहीं पूछा जाए।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने इस बारे में अपने सभी सदस्यों को पत्र लिखा है। इसमें सीबीडीटी द्वारा आरबीआई को भेजे गए परिपत्र का हवाला दिया गया है। इसके अनुसार एक घोषणाकर्ता ने शिकायत की है कि बेंगलुरु की एक बैंक शाखा ने कर व जुर्माने की राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कालेधन की घोषणा के लिए आईडीएस की पेशकश थी जिसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये राशि की घोषणा की। इससे सरकार को कर आदि के रुप में 30000 करोड़ रुपये मिलेंगे।
CBDT ने जिक्र किया है इस योजना के तहत कर, अधिभार और जुर्माने की कीम से 25 प्रतिशत राशि का भुगतान 30 नवंबर 2016 तक किया जाना है। आईबीए ने बैंकों से कहा है कि वे इस योजना से अवगत रहें और भुगतान स्वीकार करें और इस तरह के मामलों में जमाकर्ता से धन के स्रोत के बारे में नहीं पूछें।
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