मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा का निधन
Sanjay Srivastava 28 Dec 2016 1:51 PM GMT
भोपाल (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा का बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।भाजपा सूत्रों ने बताया उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है और उनकी कोई संतान नहीं थी।
भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर के मुताबिक, पटवा की बुधवार सुबह हृदयाघात के चलते तबीयत बिगड़ी और उन्हें निजी अस्पताल ले जाया लाया गया, जहां उनका निधन हो गया।
बंसल अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ. स्कंद त्रिवेदी ने बताया कि वरिष्ठ भाजपा नेता पटवा को आज सुबह दिल का दौरा पड़ने के तुरंत बाद उनके अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
पटवा के निधन की सूचना मिलने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तुरंत बंसल अस्पताल पहुंचे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मप्र के सर्वांगीण विकास के लिए आजीवन प्रयासरत रहने वाले श्रद्धेय सुंदरलाल पटवा जी आप स्वच्छ राजनीति के पर्याय हैं। आपको भुलाया न जा सकेगा।
सुंदर लाल पटवा का राजनीतिक सफर
सुंदर लाल पटवा का जन्म 11 नवंबर 1924 को हुआ था। वह दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार वह वर्ष 1980 में मुख्यमंत्री बने थे और मात्र एक महीने तक पद पर रहे, जबकि बाद में राम मंदिर की लहर के चलते उन्होंने मार्च 1990 में फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभाली थी। बहरहाल, वह अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके, क्योंकि बाबरी मस्जिद के ढहाये जाने के बाद वर्ष 1992 में मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि पटवा वर्ष 1997 में छिंदवाडा लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ को उनके गृहनगर से हराकर लोकसभा के लिए सांसद भी बने। बाद में वर्ष 1998 में कमलनाथ ने उनसे यह सीट छीन ली थी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद 1999 में हुए आम चुनाव में वह होशंगाबाद लोकसभा सीट से विजयी रहे और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कैबिनेट रैंक के मंत्री बने।
तीन दिन का राजकीय शोक
पटवा के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इसके चलते तीन दिन तक सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे, सरकारी स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। साथ ही अन्य सरकारी कार्यक्रमों में स्वागत-सत्कार भी नहीं हेागा।
More Stories