केंद्र, आप और एमसीडी दिल्ली में प्रशासन में विफल रही : स्वराज इंडिया  

Yogendra Yadav

नई दिल्ली (भाषा)। उपराज्यपाल प्रशासन, दिल्ली सरकार की आप सरकार और भाजपा नीत एमसीडी के कामकाज पर सवालिया निशान लगाते हुए स्वराज इंडिया पार्टी ने कहा कि केंद्र, आप और एमसीडी दिल्ली में प्रशासन में विफल रही है।

स्वराज इंडिया ने आरोप लगाया कि केंद्र, आप सरकार और भाजपा शासित तीन एमसीडी महिलाओं को सुरक्षा, शिक्षकों को स्थायी नौकरी देने और कचरा हटाने में विफल रही। रामलीला मैदान में रैली में पार्टी ने दिल्ली में उपराज्यपाल प्रशासन, दिल्ली सरकार की आप सरकार और भाजपा नीत एमसीडी के कामकाज पर सवाल उठाया।

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कहा, ‘जवाब दो, हिसाब दो अभियान के तहत हमारा घर-घर जाकर कराए गए सर्वेक्षण में यह पाया गया कि दिल्ली की जनता तीनों स्तरों पर प्रशासन से निराश है।’ पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि लोगों ने सरकार की जवाबदेही मांगी है क्योंकि उनके वोट की बदौलत वे सत्ता में आए थे। भूषण ने आरोप लगाया कि आप ने दिल्ली के लोगों से किए गए वादे को पूरा नहीं किया। चाहे भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का वादा हो, वीआईपी संस्कृति समाप्त करने, मजबूत लोकपाल लाने की बात हो, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने या दिल्ली को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने अथवा शिक्षकों के लिए स्थायी नौकरी प्रदान करने का विषय हो।’ रामलीला मैदान में स्वराज इंडिया ने इन तीनों सरकारों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया।

स्वराज इंडिया आसन्न एमसीडी चुनाव में प्रत्याशी उतारेगी और पार्टी ने कचरा प्रबंधन, स्वच्छता मुद्दे और बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया, साथ ही तीनों निकायों में इंस्पेक्टर राज समाप्त करने के लिए सक्षम लोगों को दायित्व सौंपने की जरूरत रेखांकित की।

स्वराज इंडिया का कहना है कि दिल्ली में तीन सरकारों में एक केंद्र के तहत एलजी की सरकार, दूसरी केजरीवाल नीत की राज्य सरकार और तीसरी नगर निगम की सरकार है जो मोदीजी की पार्टी चला रही है। दिल्ली के लोग कह रहे हैं – तीन सरकार, तीनों बेकार है।

प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में स्वराज इंडिया दिल्ली में पिछले एक महीने से ‘जवाब दो, हिसाब दो’ मुहिम चलाया था। स्वराज इंडिया के कार्यकर्ता पूरी दिल्ली में लोगों के घर-घर जाकर संवाद कर रहे हैं, साथ ही केंद्र, राज्य और नगर निगम की तीनों सरकार के कामकाज का सर्वे किया।

स्वराज इंडिया ने दावा किया कि ‘जवाब दो, हिसाब दो’ सर्वे में दिल्ली सरकार और नगर निगम के कामकाज के बारे में पूछा गया। इसमें मात्र 11.6 प्रतिशत लोग ही दिल्ली सरकार से खुश हैं, वहीं सिर्फ 8 प्रतिशत लोग नगर निगम के काम से खुश हैं।

इसमें दावा किया गया है कि सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया था कि वो अपने पार्षद, एमएलए और एमपी के काम से खुश हैं या नहीं। 85.8 प्रतिशत लोग अपने पार्षद के काम से खुश नहीं हैं, वहीं 86.2 प्रतिशत लोग अपने एमएलए के काम से खुश नहीं हैं और 71.6 प्रतिशत लोग अपने सांसद के काम से खुश नहीं हैं।

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