यहां हर महीने मुर्दों को भरना पड़ता है अपनी कब्र का किराया
Vineet Bajpai 28 Nov 2016 1:01 PM GMT

लखनऊ। आपने किराए पर मकान, किराए पर कमरा, किराए पर होटल, यहां तक की किराए पर कोख के बारे में भी सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी किराए की कब्र के बारे में सुना है? जी हां..., ग्वाटेमाला में मुर्दों को कब्र में रखने के लिए हर महीने किराया भरना पड़ता है और अगर किसी महीने किराया नहीं दिया तो मुर्दे को कब्र से बाहर निकाल कर रख दिया जाता है।
आपने अक्सरय ही लोगों को कहते सुना होगा कि अब तो मरने के बाद ही सुकून मिलेगा। लेकिन ग्वाटेमाला के मुर्दे इस सुख से नदारद हैं। ग्वाटेमाला के मुर्दों की किस्मत सुकून के मामले में फूटी हुई है। यहां बहुमंजिला कब्रिस्तानों का चलन है जहां अपने प्रियजनों को दफनाने के लिए परिवार के लोगों को हर महीने कब्र का किराया भरना पड़ता है। जगह की कमी के चलते यहां कई बहुमंजिला कब्रिस्तानें बनाई गई हैं।
ग्वाटेमाला में कब्रों का किराया काफी महंगा है। अगर किसी महीने मुर्दे की कब्र का किराया नहीं दिया जाता, उसके अगले महीने मुर्दे को कब्र से बाहर निकाल कर रख दिया जाता है और उसे सामूहिक कब्र में डाल दिया जाता है और उस खाली कब्र में नए मुर्दे को जगह दे दी जाती है। यहां कब्रिस्तान में आपको कई ऐसे नजारे दिख जाएंगे कि किराया न भरने के चलते कुछ शवों को कब्र से बाहर निकाल दिया गया है। कई शव तो खड़े जैसे दिखते हैं जैसे इंतजार कर रहे हैं अपनी दो गज जमीन का।
प्रशासन का कहना है कि ज्यादा आबादी और कम जगह होने के चलते ऐसे नियम बनाने की मजबूरी है। यहां अमीर लोग तो अपने जीते जी कब्र के लिए रकम का जुगाड़ कर लेते हैं, लेकिन गरीबों के लिए ये मुश्किल भरा काम है। प्रशासन ने हर शहर के बाहर एक सामूहिक ग्राउंड बनाया है जहां हर साल उन शवों को दफनाया जाता है जिनके परिजन समय पर किराया नहीं भर पाते।
More Stories