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2005 में हुए दिल्ली बम ब्लास्ट पर आज सुनाया जायेगा फैसला

‪Lashkar-e-Taiba‬

नई दिल्ली। साल 2005 में राजधानी में दहलाने देने वाले सीरियल बम ब्लास्ट केस में 16 फरवरी को फैसला आएगा। दिवाली से एक दिन पहले हुए तीन धमाकों में 62 लोगों की मौत हुई थी, और 210 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। केस में 13 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था लेकिन अब इसे 16 फरवरी को सुनाया जाएगा।

धमाकों के आरोपी, लश्कर का था हाथ

इस ब्लास्ट का मास्टर माइंड तारिक अहमद डार बताया जाता है जो कि लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव है। धमाकों के मुख्‍य आरोपियों तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह पर मिलकर साजिश रचने का आरोप है।

अदालत ने 2008 में मामले के आरोपी मास्टरमाइंड डार और अन्य दो के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, साजिश रचने, हथियार जुटाने, हत्या तथा हत्या के प्रयास के आरोप तय किए थे। दिल्ली पुलिस ने डार के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था। चार्जशीट में उसके कॉल डिटेल का जिक्र किया गया, जिससे कथित तौर पर यह साबित हुआ कि वह लश्कर-ए-तैयबा के अपने आकाओं के संपर्क में था। पुलिस ने अक्टूबर 2005 में तीन जगहों- सरोजिनी नगर, कालकाजी और पहाड़गंज में हुए विस्फोटों के सिलसिले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं।

11 साल बाद आयेगा फैसला

मामले को 10 साल से ऊपर हो चुके हैं। पहले यह फैसला 13 फरवरी को आना था, लेकिन अब इसे 16 फरवरी को सुनाया जाएगा। पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त-सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह गुरुवार को अपना फैसला देंगे। आरोपी यदि दोषी साबित होते हैं, तो फांसी की सजा तक हो सकती है।

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