त्रिजुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैक पर मिले नरकंकालों की जांच में जुटी पुलिस- एसडीआरएफ की टीमें
गाँव कनेक्शन 16 Oct 2016 3:56 PM GMT

देहरादून (भाषा)। केदारनाथ-त्रिजुगीनारायण पैदल ट्रैक पर नरकंकाल बिखरे पड़े होने की खबरों के बीच पुलिस और राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की दो अलग-अलग टीमें आज घटनास्थल पर पहुंचकर तथ्यों की जांच में जुट गई हैं।
रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर गई इन दोनों टीमों में विशेषज्ञ एसडीआरएफ के अलावा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इन टीमों की अगुवाई राज्य पुलिस महानिरीक्षक, गढवाल, संजय गुंज्याल कर रहे हैं जबकि पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा भी इसमें शामिल हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन दोनों टीमों के कल तक लौटने की उम्मीद है। दोनों टीमों को नरकंकालों का डीएनए लेने के बाद वहीं उनका विधिवत दाह संस्कार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आई प्रलयंकारी प्राकृतिक आपदा को तीन वर्ष से ज्यादा गुजर जाने के बाद केदारघाटी में घने जंगलों के बीच सुनसान इलाके में कुछ नर कंकाल बिखरे पड़े होने की सूचना मिलने से हडकंप मच गया था जिसके बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुंज्याल को इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ये नरकंकाल कितने हैं और किन लोगों के हैं लेकिन आशंका है कि ये आपदा में प्राण गंवाने वाले श्रद्वालुओं के हो सकते हैं।त्रिजुगीनारायण-केदारनाथ पैदल ट्रैक पिछले साल दिसंबर में ही तैयार हुआ था और उसपर ट्रैक करने वाले लोगों ने ही हाल में इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी।
यह बड़ा गंभीर विषय है कि आपदा को तीन साल से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद राज्य सरकार नरकंकालों को खोज पाने में विफल रही है। आने वाले विधानसभा चुनावों में इस मुददे को जोर-शोर से उठाया जाएगा और उनकी नाकामी को जनता के सामने उजागर किया जाएगा।अजय भट्ट प्रदेश अध्यक्ष भाजपा (मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा)
भट्ट ने कहा, ‘एक तरफ मुख्यमंत्री केदारनाथ में जाकर कैलाश खेर के साथ जाकर संगीत उत्सव मना रहे हैं वहीं दूसरी ओर केदारनाथ के निकट नरकंकाल बिखरे पड़े हैं यह मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता का परिचायक है जिसे हम चुनावों में जनता के सामने बेनकाब करेंगे।
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