नोटबंदी यज्ञ नहीं, बल्कि जंगल की आग है : कांग्रेस

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नोटबंदी यज्ञ नहीं, बल्कि जंगल की आग है : कांग्रेसकांंग्रेस वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण। (फोटो साभार: गूगल)

नई दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नववर्ष की पूर्व संध्या पर खेद जताते हुए प्रतीत हुए क्योंकि नोटबंदी पर 50 दिनों का उनका ‘शुद्धि यज्ञ' ‘जंगल की बेकाबू आग' में तब्दील हो गया है, जिसमें ‘कई लोगों की जान' जा चुकी है और अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री पर यह प्रहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने किया।

भाषण में दिया कोई ठोस आंकड़ा

विपक्षी दल ने यह भी दावा किया कि मोदी द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए घोषित वित्तीय सहयोग योजना की शुरुआत वास्तव में संप्रग ने की थी। उन्होंने कहा कि भाषण में कोई ठोस आंकड़े नहीं दिए गए कि कितना काला धन बाहर हुआ, कि पर्याप्त संख्या में 500 के नोट जारी हुए और को-ऑपरेटिव बैंकों पर प्रतिबंध के बारे में जानकारी नहीं दी गई।

मृतकों के मुआवजे की बात भी नहीं की

चव्हाण ने कहा कि भाषण में नोटबंदी को लेकर कानूनी मुद्दों पर स्पष्टता नहीं थी और नोटबंदी के कारण मरने वाले लोगों के मुआवजे की बात भी नहीं थी। चव्हाण ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में मौजूद पूरे काले धन को वैध धन में बदला जा चुका है। प्रधानमंत्री जो चाहते थे उसके बिल्कुल उलट।' चव्हाण ने पूछा कि क्या जानबूझकर 500 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर रखने का प्रयास किया गया और आश्चर्य जताया कि क्या मोदी कैशलेस अर्थव्यवस्था की वकालत कर रहे हैं।

राष्ट्रीयता की चाशनी में लपेटा हुआ भाषण

उन्होंने कहा, ‘‘यह हाल के समय में नववर्ष की सबसे निराशाजनक शुरुआत है। प्रधानमंत्री का भाषण अंध देशभक्ति की अपील से भरा हुआ था जिसमें नोटबंदी की तुलना बाहरी आक्रमण से करते हुए इसे राष्ट्रीयता की चाशनी में लपेटा गया।''

    

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