देश की इकलौती दरगाह जहां हर साल मनाई जाती है होली

India

अरुण मिश्रा

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में सूफी फ़क़ीर हाजी वारिस अली शाह की दरगाह देश की इकलौती ऐसी दरगाह है जहां हर साल होली का त्योहार मनाया जाता है।

दरगाह पर रहने वाले सूफी फ़क़ीर गनी शाह वारसी बताते हैं, “सरकार का फरमान था कि मोहब्बत में हर धर्म एक है। सरकार ने ही यहां होली खेलने की रवायत शुरू की थी। सरकार खुद होली खेलते थे और उनके सैकड़ों मुरीद जिनके मज़हब अलग थे। जिनकी जुबानें जुदा थी। वो उनके साथ यहां होली खेलने आते थे।” रंगों का तो कोई मज़हब नहीं होता है। सदियों से रंगों का प्यार हर किसी को अपनी ओर खींचता रहा है।

इतिहास में भी वाजिद अली शाह, ज़िल्लेइलाही अकबर और जहांगीर के होली खेलने के तमाम ज़िक्र मिलते हैं। मुगलों के दौर की तमाम पेंटिंग्स अभी भी मौजूद हैं जिनमें मुग़ल बादशाह होली खेलते दिखाए गए हैं। अकबर के जोधाबाई के साथ होली खेलने का ज़िक्र मिलता है। होली के इस अनोखे रूप के बारे में गनी शाह वारसी बताते हैं, “जहांगीर, नूरजहां के साथ होली खेलते थे। इसे ईद-ए-गुलाबी कहा जाता था। ये होली गुलाल और गुलाब से खेली जाती।” “यह कौमी एकता का अनोखा संगम है और इसीलिए यहां धार्मिक एकता और मानवता की होली खेल कर एक सन्देश दिया जाता है, जो रब है वही राम है।” शहजादे आलम वारसी अध्यक्ष, होली मिलन समिति बताते हैं।

इस होली पर जिले के अपर पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह भी दर्जनों पुलिस कर्मियों के साथ देवा दरगाह पर होली खेलने पहुंचे।

Recent Posts



More Posts

popular Posts