बुढ़ापे की रफ्तार धीमी कर सकती है मानव वसा से बनी स्टेम कोशिका 

बुढ़ापा

वाशिंगटन (भाषा)। वैज्ञानिकों ने पाया कि मानव वसा से विकसित स्टेम कोशिका को उम्र की रफ्तार घटाने के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि वह त्वचा से विकसित फाइब्रोब्लास्ट से ज्यादा टिकाऊ होती है।

वैज्ञानिकों ने इस बीच वसा कोशिकाओं के कालक्रमगत बूढे़ होने के अध्ययन के लिए एक नया मॉडल विकसित किया है। कालक्रमगत बुढ़ापा उन कोशिकाओं के विपरीत प्राकृतिक जीवन चक्र दिखाता है जिनका गैरप्राकृतिक रुप से अनेक बार विभाजन हुआ है या प्रयोगशाला में उन्हें विभाजन की प्रक्रिया से बलपूर्वक गुजारा गया।

वैज्ञानिकों ने पाया कि सीधे मानव वसा से निकाली गईं स्टेम कोशिकाएं आम समझ के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रोटीन का निर्माण कर सकती हैं। इन स्टेम कोशिकाओं को ‘एडिपोज डिराइव्ड स्टेम सेल’ कहा जाता है।

वैज्ञानिकों ने पाया कि ज्यादा प्रोटीन के निर्माण की उनकी यह विशेषता उन्हें विभाजित होने और अपनी स्थिरता बरकरार रखने की क्षमता देती है।

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