आधार और विवादों का पुराना नाता रहा है। हाल ही में ट्रिब्यून ने एक ख़बर चलाई थी जिसमें दावा किया गया था कि आधार की जानकारी महज 500 रुपये में खरीदा जा सकता है। इसके बाद यूनीक आइंडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने लीक की खबर बताने वाले अखबार और उसकी रिपोर्टर के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने यूआईडीएआई पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए थे।
अब अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने भी आधार व ट्रिब्यून की रिपोर्टर पर एफआईआर की खबर पर भी प्रतिक्रिया दी है। स्नोडेन ने ट्रिब्यून की रिपोर्टर रचान खैरा का पक्ष लेते हुए ट्वीट किया है और उन्हें अवॉर्ड दिए जाने की जरूरत बताई है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अगर किसी पर केस किए जाने की जरूरत है तो वो है यूआईडीएआई।
ट्विटर पर स्नोडेन ने इंडिया टुडे के पत्रकार राहुल कंवल के उस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा जिसमें कंवल ने यूआईडीएआई के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि आधार की सुरक्षा पर खतरे की ख़बर को एक्सपोज करने वाली पत्रकार पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार को इसकी कमियों पर ध्यान देना चाहि। पत्रकारों को निशाना मत बनाइए।
Totally wrong for UIDAI to file an FIR against the journalist who exposed #AadharLeaks If a loophole is pointed out Govt should work on fixing the flaw rather than try to shoot the messenger. Don’t intimidate journalists. Not on. https://t.co/6mxDrZlrLC
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 7, 2018
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स्नोडेन इसके साथ लिखा, ‘आधार की सुरक्षा पर खतरे को सबके सामने लाने वाले जर्नलिस्ट अवॉर्ड के हकदार हैं, इन्वेस्टीगेशन के नहीं। अगर सरकार को न्याय ही करना है तो उन्हें अपनी उन नीतियों में सुधार करना चाहिए, जिसने करोड़ों भारतीयों की निजता का हनन किया है। अगर दोषियों को गिरफ्तार करना है, तो यूआईडीएआई को करिए।’
The journalists exposing the #Aadhaar breach deserve an award, not an investigation. If the government were truly concerned for justice, they would be reforming the policies that destroyed the privacy of a billion Indians. Want to arrest those responsible? They are called @UIDAI. https://t.co/xyewbK2WO2
— Edward Snowden (@Snowden) January 8, 2018
इससे पहले भी स्नोडेन ने आधार को लेकर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने लिखा था कि भारत में आधार का गलत इस्तेमाल हो सकता है।
The journalists exposing the #Aadhaar breach deserve an award, not an investigation. If the government were truly concerned for justice, they would be reforming the policies that destroyed the privacy of a billion Indians. Want to arrest those responsible? They are called @UIDAI. https://t.co/xyewbK2WO2
— Edward Snowden (@Snowden) January 8, 2018
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क्या है मामला
अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्टर रचना खैरा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि 500 रुपये में आधार की जानकारी को बेचा जा रहा है। पत्रकार रचना खैरा की ओर ‘द ट्रिब्यून’ ने दावा किया था कि उसने एक व्हाट्सऐप ग्रुप से मात्र 500 रुपए में आधार का डाटा हासिल करने वाली सर्विस खरीदी और उनको करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया। अखबार ने कहा कि इस दौरान उनको लोगों के नाम, पता, पिन कोड, फोटो, फोन नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी मिली थी। अखबार के मुताबिक उनकी तहकीकात में उन्हें एक एजेंट के बारे में पता लगा जिसके बाद एजेंट ने केवल 10 मिनट में ही एक गेटवे दे दिया और लॉग-इन पासवर्ड दिया। उसके बाद उन्हें सिर्फ आधार कार्ड का नंबर डालना था और किसी भी व्यक्ति के बारे निजी जानकारी आसानी से मिल गई।