अमेरिका, नेपाल, बांग्लादेश जैसे कई देशों में भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर ट्रैक्टर का निर्यात किया है। ट्रैक्टरों का निर्यात में वर्ष 2013 के बाद से लगभग 72 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, भारत के निर्यात में लगातार तेजी देखी जा रही है। भारत का वस्तु व्यापार जनवरी 2022 में 23.69 प्रतिशत बढ़कर जनवरी 2021 के 27.54 बिलियन डॉलर की तुलना में 34.06 बिलियन डॉलर हो गया। जनवरी 2020 के 25.85 बिलियन डॉलर की तुलना में इसने 31.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई।
ट्रैक्टरों के निर्यात के प्रमुख गंतव्य स्थान अमेरिका (25.2 प्रतिशत), नेपाल (7.3 प्रतिशत), बांग्लादेश (6.5 प्रतिशत), थाईलैंड (5.4 प्रतिशत) और श्रीलंका (5.3 प्रतिशत) हैं।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत पर विश्व का विश्वास बढ़ रहा है, जिसका प्रमाण है कि देश में निर्मित ट्रैक्टर्स का निर्यात 2013 की अप्रैल से दिसंबर अवधि की तुलना में 2021 की इसी अवधि के दौरान 73% बढ़ा है। pic.twitter.com/eKo9mILwQz
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 6, 2022
वित्त वर्ष 2017-18 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि भारतीय ट्रैक्टर उद्योग विश्व में सबसे बड़े उद्योगों के रूप में उभरा है और कुल वैश्विक ट्रैक्टर उत्पादन का लगभग एक तिहाई हिस्सा है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में पूंजीगत वस्तुओें तथा परियोजना आयात में रियायती दरों को धीरे धीरे चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह इस सेक्टर में, जिसमें ट्रैक्टर भी शामिल है, घरेलू विनिर्माताओं के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने तथा क्षमता सृजन करने की दिशा में एक अन्य कदम है।
भारत का वस्तु व्यापार 2021-22 (अप्रैल_जनवरी) में 46.53 प्रतिशत बढ़ा और यह 2020-21 (अप्रैल-जनवरी) के 228.9 बिलियन डॉलर की तुलना में 335.44 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2019-20 ( अप्रैल-जनवरी) के 264.13 बिलियन डॉलर की तुलना में इसमें 27.0 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई।
सरकार ने भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2014 के बाद से कई सक्रिय तथा प्रभावी कदम उठाये हैं। एक अप्रैल, 2015 को एक नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-20 आरंभ की गई। इस नीति में अन्य बातों के अतिरिक्त, पहले की निर्यात संवर्धन स्कीमों को युक्तिसंगत बनाया गया तथा दो नई योजनाएं अर्थात वस्तुओं के निर्यात में सुधार लाने के लिए भारत से वस्तु निर्यात स्कीम (एमईआईएस) तथा सेवाओं का निर्यात बढ़ाने के लिए भारत से सेवा निर्यात स्कीम (एसईआईएस) आरंभ की गईं। इन योजनाओं के तहत जारी ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स को पूरी तरह हस्तांतरणीय बनाया गया।