धुंध से धुंधलातीं आंखें 

Darakhshan Quadir SiddiquiDarakhshan Quadir Siddiqui   9 Nov 2016 5:10 PM GMT

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धुंध से धुंधलातीं आंखें लखनऊ में छायी धुंध लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल। फोटो: गाँव कनेक्शन

लखनऊ। राजधानी में इन दिनों छायी धुंध ने हवा में जहर घोलना शुरू कर दिया है। यह धुंध सांस के साथ शरीर के अन्दर तो जहर घोल ही रही है साथ ही लोगों को की आंखों को भी नुकसान पहुंचा रही है। सुबह और शाम में होने वाली धुंध में घुले प्रदूषण के कण, कार्बनडाई आक्साइड और नाइट्रोजन की मात्रा लोगों की आंखों को सीधा नुकसान पहुंचा रही है। एक निजी कम्पनी में काम करने वाली रचना तिवारी का कहना है, “घर से बाहर निकलते ही आंखों में जलन होने लगती है। इसके साथ ही आंखों में पानी आ रहा है। दो-चार दिन से यह शिकायत हो रही है। चश्मा लगाने के बाद भी जलन नहीं जा रही है।”

किंग जार्ज मेडिकल कालेज के नेत्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि इस धुंध में केमिकल के कण घुले हैं, जिसकी वजह से आंखों को काफी नुकसान हो रहा है। आंखों का लाल होना और आंखों में जलन होने की लोगों को शिकायत हो रही है, जबकि इस मौसम में लोगों को इस तरह की परेशानी नहीं होती है क्योंकि यह मौसम आंखों के लिहाज से काफी अच्छा मौसम माना जाता है। आमतौर पर लोग मोतियाबिंद का ऑपरेशन इस मौसम में ही कराते हैं। आंखों को ठंडक सुकून देती है।

आंखों के कोने में जलन हो रही है। गाड़ी चलाते वक्त न चाहते हुए भी अचानक हाथ आंखों पर पहुंचा जाता है ऐसे में दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। मेरी गाड़ी तो लड़ते-लड़ते बची है।
शोभित गुप्ता, अमीनाबाद

बढ़ गए आंखों के मरीज

केजीएमयू के नेत्र विभाग में तीन दिनों में आंखों के मरीज ढाई गुना बढ़ गए हैं। इन मरीजों की संख्या एकदम से तीन दिनों में इतनी अधिक हो गयी है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि आम दिनों में जहां 10 फीसदी मरीज आंखों के आते हैं वहीं इन दिनों 25 फीसदी मरीज आ रहे हैं।

मास्क की बिक्री बढ़ी

केमिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता विकास रस्तोगी ने बताया, “बीते दो दिनों से मास्क की बिक्री एकदम से बढ़ गयी है।” उन्होंने कहा राजधानी में रोज पांच सौ से हज़ार मास्क की बिक्री हो रही है। केमिस्ट की दुकानों पर मास्क खरीदने से पहले उसकी अच्छे से जांच परख कर लें। ऐसा मास्क लें, जिसकी रेटिंग N95 हो। मास्क लेने से पहले इस बात का भी ख्याल रखें कि यह आपको सही से फिट हो।” रस्तोगी ने बताया, “ऐसा न हो फिट न होने के कारण गैप्स से प्रदूषित हवा भीतर चली जाए वरना मास्क लगाने का कोई फायदा नहीं होगा। बच्चों के लिए छोटे साइज के मास्क भी बाजार में मिल रहे हैं।”

जिनकी आंखों का ऑपरेशन हुआ हो उनके लिए ज्यादा घातक है धुंध

डॉ. संदीप बताते हैं, “खासकर इस मौसम में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के मरीज आते हैं। हर रोज पांच से दस मरीजों का ऑपरेशन होता है, लेकिन यह धुंध आंखों के ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के लिए और नुकसानदायक है और उनकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। आमतौर पर ऑपरेशन किए गए मरीज की आंखों का खास ख्याल रखा जाता है। धुएं से दूर रहने की सख्त हिदायत दी जाती है। क्योंकि धुएं में मौजूद केमिकल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। मरीज धुएं से तो दूर रह सकता है, लेकिन जब केमिकल हवा में ही घुल गया हो तो मरीज उससे कैसे दूर रह सकता है? आजकल आए हुए मरीजों से हम कहते हैं कि आंखों को बार-बार पानी से धुलें, ऑपरेशन के मरीज तो पानी का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं।”

    

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