बिजली विभाग से परेशान किसान 

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बिजली विभाग से परेशान किसान अपनी आवाज विभाग तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को किसानों ने महापंचायत बुलाई।

लखनऊ। लखनऊ जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर स्थित काकोरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले जेहटा गाँव में इन दिनों पावर हाउस का निर्माण हो रहा है, लेकिन जेहटा गाँव के 110 बीघे जमींन पर बन रहा ये पावर हाउस ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अपनी आवाज विभाग तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को किसानों ने महापंचायत बुलाई।

गाँव से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

जेहटा गाँव के सुदामा (45 वर्ष) ने बताया, “बड़ी लाइन के खंभे लगाने के नाम पर बिजली विभाग के लोगों ने साढ़े तीन बीघा गेहूं की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया व टावर लगाने के लिए खेत को खोद डाला।”

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत अगर कहीं पावर हाउस बन रहा है तो वहां तक लाइन ले जाने के लिए रास्ते में पड़ने वाले खेतों में बिजली पोल लगाने का हमें अधिकार मिला हुआ है और इसके लिए हमे किसानों को नोटिस देने की कोई जरूरत नहीं है।
आशुतोष श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता लेसा

जेहटा गाँव के निवासी घसीटे (56 वर्ष) का कहना है, “तीन बीघे जमीन में गेहूं बोया था अभी 25 से 30 दिन बाद फसल कटने लायक हो जाती, लेकिन बिजली के भारी भरकम खंभे लगाने के नाम पर पावर हाउस के ठेकेदारों ने खेत खोद डाला। स्थानीय किसान विनोद कुमार ने बताया कि यहां की जमीनों के रेट बढ़ रहे हैं ऐसे में खेत के बीच से बड़ी लाइन निकालने पर करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव हो जाएगी। बिजली विभाग और सरकार को किसानों का भी हित देखना चाहिए।

मलहा गाँव के संदीप (35 वर्ष) का कहना है, “महज 15 बिसवा जमीन है वो भी बिजली के खंभे लगाने में चली गयी तो हम क्या करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी लालाराम गौतम ने बताया, “किसानों की समस्याओं को देखते हुए किसान पंचायत का आयोजन किया गया है। किसान की जमीन से बड़ी लाइन निकालने और पोल लगाने से पहले बिजली विभाग को किसानों से वार्ता कर फसल नुकसान और जमीन के लिए बात करनी चाहिए थी।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.