किसानों को मिली बड़ी राहत, पुराने नोटों से खरीद सकेंगे बीज
गाँव कनेक्शन 21 Nov 2016 7:08 PM GMT

लखनऊ। गोरखपुर के किसान रामनारायण बीते कई दिनों से इसलिए परेशान थे क्योंकि वो गेहूं का बीज नहीं खरीद पा रहे थे। बीज केंद्र पर पुराने नोट चल नहीं रहे थे, लेकिन सोमवार को वह बहुत खुश थे क्योंकि वित्त मंत्रालय ने उन्हें राज्य अथवा केंद्र सरकार के बिक्री केंद्रों और कृषि विश्वविद्यालयों से बीज खरीदने के लिए 500 रुपए का पुराना नोट इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
पहचान पत्र दिखाकर बीज खरीद सकते हैं किसान
सरकार के इस फैसले से रबी की बुवाई में बीज और खाद का इंतजाम करने में लगे किसानों को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि किसान केंद्र या राज्य सरकार के केंद्रों, इकाइयों या आउटलेट्स, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, राष्ट्रीय या राज्य बीज निगमों, केंद्रीय या राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अपना पहचान पत्र दिखाकर बीज खरीद सकते हैं।
सरकार के इस फैसले से कम होगी किसानों की तकलीफ
बयान में कहा गया है कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि रबी मौसम में किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। गोरखपुर जिले के खजनी ब्लाक के सैरो गाँव के किसान रामनारायण यादव ने कहा, "सरकार के इस फैसले से हमारे जैसे किसानों की परेशानी कम होगी। कई बार हम लोग केंद्र गए पर वहां पर पुराने नोट लेने से मना कर दिया गया था, ऐसे में नए नोट कहां से लाते।"
उत्पाद बेचने और खरीदने की भी समस्या
बीज के अलावा इस समय किसानों के सामने अपने उत्पाद बेचने और खाद खरीदने की भी समस्या आ रही है। प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भी नोटबंदी के कारण सन्नाटा पसरा है। उन्नाव जिले के बिछिया ब्लॉक के किसान रामखेलावन बताते हैं, "बीज खरीदने में तो पुराने नोट चल जाएंगे पर खाद कैसे खरीदेंगे, सिंचाई के लिए पैसे कहां से लाएंगे, कोई तो पुराने नोट लेने को तैयार नहीं है। बैंक जाओ तो लंबी लाइनें हैं, पैसे भी निश्चित ही निकलते हैं, अब ये ही हो सकता है कि पांच दिन लगातार बैंक की लाइन लगाओ और फिर खेती करो।"
प्रति सप्ताह 50,000 रुपये निकलने की अनुमति
इससे पहले किसानों को अपने केवाईसी अनुपालन वाले खाते से 25,000 रुपए की नकदी निकालने की अनुमति दी गई है। साथ ही सरकार ने फसल बीमा प्रीमियम के भुगतान की अवधि 15 दिन बढ़ा दी है। एपीएमसी पंजीकृत व्यापारियों को प्रति सप्ताह 50,000 निकालने की अनुमति दी गई है।
मगर बीज केंद्रों पर बढ़ाएं कर्मचारी
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार का यह फैसला ठीक है लेकिन यह पहले से ही होना चाहिए था। अभी बुवाई का एक सप्ताह का समय निकल चुका है और सरकारी बीज केन्दों पर काफी अफरा-तफरी है। सरकार को चाहिए कि वह बीज केन्द्रों पर बीजों की मात्रा और बीज वितरण करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएं जिससे किसानों को बीज लेने में कोई समस्या न आए।
यूपी सरकार ने भी दिया निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने भी रबी की बुवाई में किसानों को समस्या न हो इसके लिए निर्देश जारी किए हैं। कृषि मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह ने कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार को आदेश दिया है कि वह सुनिश्चित कराएं कि सभी बीज विक्रय केन्द्रों पर किसानों को बिना परेशानी के बीज मिल जाए। साथ ही उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि प्रत्येक ब्लाक में पांच से 10 विक्रय केन्द्र खोले जाएं जहां से किसान अपनी इच्छानुसार प्रमाणित बीज खरीद सकें। डीबीटी योजना के किसानों को अनुदान पर बीज भी उपलब्ध कराया जाए।
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