गडकरी की इच्छा: उत्तराखंड में बने दावोस जैसा शहर

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गडकरी की इच्छा: उत्तराखंड में बने दावोस जैसा शहरकेंद्रीय संड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी

दावोस (भाषा)। केंद्रीय संड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हिमालयी राज्य उत्तराखंड में दावोस जैसा एक शहर बसाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में यहां पहुंचे गडकरी ने एक बातचीत में अपनी यह मंशा जाहिर की।

स्विटजरलैंड के बर्फ से ढके दावोस शहर में इस बैठक के लिये शून्य से कम तापमान पर देश-दुनिया के 3,000 से अधिक राजनेता, उद्योगपति, नीति निर्माता और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि यहां जुटे हैं। गडकरी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं।

गडकरी ने ‘मेक इन इंडिया' परिसर में कहा कि भारत में दावोस जैसा शहर बसाना पूरी तरह संभव है जिसमें होटल, दुकानें और सम्मेलन केंद्र हों। यह पूरा काम पर्यावरण और अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुये किया जा सकता है। ऐसे शहर में विश्व आर्थिक मंच जैसे सम्मेलनों का आयोजन भी हो सकेगा। इससे पर्यटन के साथ साथ रोजगार और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

गडकरी ने कहा, ‘‘मैं जब यहां पहुंचा, मेरे दिमाग में एक विचार आया, हालांकि, इस पर काम अभी शुरु होना है। हम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोडने वाली 1,000 किलोमीटर नई सड़कें बना रहे हैं। इस पर 12,000 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। ये सड़कें हर मौसम में इस्तेमाल हो सकेंगी। इसमें कई पुल, सुरंगें और काफी कुछ होगा जो कि एतिहासिक काम होगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही पिथौरागढ़ क्षेत्र है जहां हम मानसरोवर के लिये सड़क बना रहे हैं। इसके लिये हम एमआईजी-17 के जरिये आस्ट्रेलियाई मशीनें पहुंचा रहे हैं, कुछ काम हो चुका है, करीब 50 प्रतिशत। इस स्थान पर 5 से 6 डिग्री तापमान है।''

गडकरी ने अपनी बात आगे बढाते हुये कहा, ‘‘हम रेगिस्तानी इलाके में ताजमहल बना सकते हैं। इसके लिये एक दृष्टि चाहिये, त्वरित निर्णय प्रक्रिया, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली होनी चाहिये। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण चीज है समाज और देश की प्रतिबद्धता होनी चाहिये। मेरे देश को भी इस तरह की सुविधा की जरुरत है।''

उन्होंने कहा, ‘‘दावोस आने के बाद मैंने सोचा कि हिमालयी क्षेत्र में हम इस तरह का शहर क्यों नहीं बसा सकते हैं। शून्य से नीचे तापमान में लोग आयें, वहां होटल और पर्यटन की तमाम सुविधायें हों और वहां से लोग मानसरोवर भी जा सकेंगे।'' गडकरी ने कहा, ‘‘इसी प्रकार हम यमुना नदी के साथ एक दीवार के साथ दिल्ली से यमुनानगर के बीच राजमार्ग का निर्माण कर सकते हैं। इस परियोजना के लिये अध्ययन चल रहा है। इसके बन जाने पर दिल्ली से उत्तराखंड और हिमाचल जाना आसान होगा और मौजूदा रास्तों पर यातायात का बोझ कम होगा।''

गडकरी ने पर्यावरण सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें समेकित रवैया अपनाना चाहिये। किसी भी मामले में अति वाली बात नहीं होनी चाहिये, यह देश के लिये ठीक नहीं है। भारत जैसे विकासशील देश में पर्यावरण और विकास दोनों को ध्यान में रखते हुये विकास कार्य किये जाने चाहिये।'' उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में छोटा मोटा निर्माण करने को लेकर भी विरोध हो सकता है। इसलिये इस मामले में हर बात को ध्यान में रखने की जरुरत है। पर्यावरण मंत्रालय से लेकर, पर्यावरण विद्, पर्यटन मंत्रालय, सड़क मंत्रालय और सभी संबद्ध पक्षों के साथ विचार विमर्श कर इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।

गडकरी ने कहा कि यहां दावोस में कई होटल हैं। यहां भी पेड़ों को काटा गया होगा। ऐसे में आपको एक पेड़ के लिये दस पेड लगाने होंगे। ‘‘हम गरीब जनता वाले एक संसाधन संपन्न देश हैं। हम दुनिया में सबसे आकर्षक पर्यटक स्थल बन सकते हैं।''

    

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