खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड की साइट हैक, 68 कार्ड फीड

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खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड की साइट हैक, 68 कार्ड फीडप्रतीकात्मक तस्वीर।

गाँव कनेक्शन संवाददाता

गोंडा। जिले में खाद्य सुरक्षा राशन कार्ड की फीडिंग में सेंधमारी करते हुए खाद्य विभाग की साइट हैक कर ली गई। इसी के साथ 68 राशनकार्ड की फीडिंग भी हो गई। इससे आपूर्ति विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग इस जांच में जुट गया है कि आखिर प्राइवेट तरीके से कितने राशन कार्डों की फीडिंग करायी गई है।

हार्ड डिस्क खंगालने में जुटे सभी

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड गांव-गांव बनाये जाने थे। इसके तहत यहां पर पहले ठेका पर काम कराया गया। बाद में एक माह पहले बनघुसरा गांव में 65 कार्ड की अनियमित फीडिंग होने पर हो हल्ला मचा जिसके बाद से कृषि मंत्री विनोद कुमार सिंह ने डीएसओ से नाराजगी जतायी और आरोप लगाया कि पैसा लेकर कार्ड फीड कराया जा रहा है। इस पर डीएसओ विमल कुमार शुक्ल ने ठेका का काम बंद करा दिया। 21 अक्टूबर को लखनऊ से खाद्य सुरक्षा की साइट खुली लेकिन विभाग में कोई कार्ड की फीडिंग नहीं करायी गई। इसके बावजूद जिले में राशन कार्डों की फीडिंग बाहर प्राइवेट तरीके से कर दी गई जिसे देख आपूर्ति विभाग के निरीक्षक हैरत में पड़ गये। पूर्ति निरीक्षक राजेश विश्वकर्मा की टीम आर्यनगर एक लोकवाणी केंद्र पर छापेमारी की जहां पर राशन कार्ड फीडिंग के साक्ष्य मिले। इसके बाद पूर्ति निरीक्षक ने कौडिया थाने पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। टीम कंप्यूटर की हार्ड डिस्क अपने साथ ले आयी और तकनीकी जांच में जुटी गई है। इसी तरह परसपुर थाना क्षेत्र में प्राइवेट फीडिंग की शिकायत मिली है।

सात हजार पात्र गृहस्थी के कार्ड की फीडिंग फंसी

बाहरी लोगों के द्वारा पांच सौ रुपये लेकर की जा रही राशन कार्ड की फीडिंग से आपूर्ति महकमे पर सवाल खड़ा हो गया है। व्यवस्था में सेंधमारी कर साइट हैक कर ली गई और सैकड़ों राशन कार्ड फीड हो गये। कई राशन कार्ड के नंबर पुराने हैं लेकिन सदस्यों व मुखिया के नाम बदल गये। कंचनपुर के शिवराम का राशन कार्ड नंबर पुराना है लेकिन मुखिया व सदस्य बदल गये। मामले की शिकायत एमएलसी महफूज खां से हुई तो डीएसओ ने कार्ड सही करने का निर्देश पूर्ति निरीक्षक को दिया लेकिन साइट बंद होने से कार्ड सही नहीं हो पाया। अब जब साइट खुली तो हैक हो गई और बाहर से कार्ड फीड हो गये जिससे अपात्रों की संख्या बढ़ गई। मामले की जांच तक नई फीडिंग संभव नहीं है। इससे जिले में वंचित सात हजार लोगों के राशन कार्ड बनने में बाधा आ गई है।

क्या कहते हैं डीएसओ

डीएसओ विमल शुक्ल का कहना है, "प्रकरण में पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। हार्ड डिस्क की जांच एनआइसी से करायी जा रही है। जो कार्ड बाहर से कराये गये हैं, उन्हें खत्म कराया जा रहा है।"


   

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