कंपनियों को पानी का लाइसेंस देना बंद करे सरकार : राजेंद्र सिंह ‘जल पुरुष’

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कंपनियों को पानी का लाइसेंस देना बंद करे सरकार : राजेंद्र सिंह ‘जल पुरुष’राजेंद्र सिंह ‘जल पुरुष’

भोपाल (आईएएनएस)। दुनिया में 'जलपुरुष' के नाम से चर्चित और स्टॉक होम वाटर प्राइज से सम्मानित राजेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा कोका कोला, पेप्सी सहित अन्य कंपनियों को पानी दोहन का लाइसेंस दिए जाने पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि सरकार पानी के निजीकरण की ओर बढ़ रही है, जिससे पानी गरीब की पहुंच से बाहर हो जाएगा और पानी पर अमीरों का कब्जा हो जाएगा।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जीआईजेड द्वारा आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लेने आए सिंह ने गुरुवार को आईएएनएस से कहा, "बड़ी-बड़ी कंपनियां नर्मदा नदी से लेकर भूगर्भ जल का दोहन करने में लगी हैं, इसके चलते आने वाले समय में भूगर्भ जल कम होता जाएगा, क्योंकि जल संरक्षण और संवर्धन के लिए कारगर प्रयास नहीं हो रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा मुश्किल गरीब की हो जाएगी।"

सिंह ने आगे कहा कि सरकार की नीतियां पानी के निजीकरण की ओर बढ़ रही है। कोकाकोला, पेप्सी जैसी कंपनियों को पानी दोहन के लाइसेंस दिए जा रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में पानी अमीरों के कब्जे में होगा और गरीब की पहुंच से बाहर हो जाएगा, लिहाजा सरकार को कंपनियों को लाइसेंस देना बंद कर देना चाहिए।

जलपुरुष का सुझाव है कि सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जिससे गरीब और अमीर का पानी पर समान अधिकार हो।

देश में सूखे के लिए सुर्खियों में रहे बुंदेलखंड पर सिंह ने कहा, "यह ऐसा इलाका है, जहां चंदेलकालीन तालाबों की कमी नहीं है, मगर उनका रखरखाव न होने के कारण वे पानी संचय करने में सक्षम नहीं रहे। सरकारों का ध्यान इन जल संरचनाओं के संरक्षण पर नहीं है, यही कारण है कि बारिश का पानी बह जाता है।"

केंद्र सरकार के नदी जोड़ो अभियान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "सरकार तर्क देती है कि नदियों को जोड़ने से बाढ़ और सुखाड़ की समस्या खत्म हो जाएगी, मगर यह योजना बाढ़ और सुखाड़ को बढ़ाने वाली साबित होगी।"

उन्होंने आगे कहा कि पानी के संरक्षण के लिए सरकार, समाज और संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा। योजनाएं व नीतियां सरकार को ही बनाना होंगी, समाज एकजुट होकर पानी के लिए काम करे और संस्थाएं जागृति लाने का काम करें।

    

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