केरोसिन के लिए डीबीटी को लागू नहीं करेगी सरकार
Anand Tripathi 4 Dec 2016 12:41 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। सरकार का इरादा एलपीजी की तरह केरोसिन या मिट्टी के तेल के लिए प्रत्यक्ष नकदी अंतरण (डीबीटी) को लागू करने का नहीं है। इसकी वजह यह है कि केरोसिन कीमतों में मासिक आधार पर लगातार मामूली बढ़ोतरी से इसके बाजार मूल्य के बीच अंतर कम होता जा रहा है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा सब्सिडी को बैंक खाते में सीधे भेजना इसमें आने वाली लागत के अनुरूप नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘‘केरोसिन सब्सिडी समाप्त हो रही है। बिजलीकरण तथा एलपीजी की पहुंच बढ़ने से अगले तीन-चार साल में यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। हम ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहे हैं। कुछ राज्यों को पहले ही केरोसिन मुक्त घोषित किया जा चुका है। कुछ अन्य राज्य भी आगे आने को इच्छुक हैं।'' अधिकारी ने बताया कि राशनकार्ड धारक के बैंक खाते में सब्सिडी का सीधा स्थानांतरण करना, जिससे वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानों से राशन खरीद सके आसान नहीं है और इसके लिए पीडीएस प्रणाली में भारी अद्यतन करने की जरूरत होगी। लाभार्थियों के खातों को आधार से जोड़ना होगा और प्रत्येक का बैंक खाता होना भी जरूरी है। केंद्र एकतरफा तरीके से यह सारा काम नहीं कर सकता है क्योंकि केरोसिन राज्य का विषय है।
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