परियोजनाओं को अपशिष्ट प्रबंधन योजना होने पर ही मंजूरी दी जाए: एनजीटी
गाँव कनेक्शन 15 Jan 2017 3:48 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने कहा है कि अपशिष्ट एवं गंदा पानी पैदा करने वाली विकास परियोजनाओं को तब तक मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए, जब तक वह गंदे पानी एवं कूड़े को उचित रुप से एकत्र करने एवं उसके निपटारे के लिए योजना मुहैया नहीं कराती है।
एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘यह समझना मुश्किल नहीं है कि प्रत्येक विकास, आवासीय, औद्योगिकी एवं वाणिज्यिक परियोजना से अपशिष्ट एवं गंदा पानी निकलता है, इसलिए जब इस प्रकार के विकास कार्यों के लिए योजनाएं बनाई जाती है तो मंत्रियों एवं अन्य समेत प्राधिकारियों को कानूनी रुप से यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अपशिष्ट एवं गंदे पानी के निपटान के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो।''
हरित पैनल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी प्राधिकारियों की कानूनी बाध्यता है कि अपशिष्ट को कहीं भी न फेंक दिया जाए और इसे नगरीय ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं निपटान) नियम, 2000 एवं 2016 के तहत एकत्र किया जाए, ले जाया जाए और इसका निपटान किया जाए।
उसने कहा कि यदि कोई योजना शुरु करने से पहले स्थायी विकास के तहत आवश्यक सावधानियां नहीं बरती जाती हैं तो परियोजना की योजना ‘‘दोषपूर्ण'' मानी जाएगी।
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