जीएसटी व्यवस्था में राजस्व नुकसान की हर तिमाही होगी भरपाई
गाँव कनेक्शन 26 Nov 2016 8:32 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के बाद राज्यों को केंद्र से हर तिमाही राजस्व नुकसान की फौरी तौर पर भरपाई की जायेगी। इस संबंध में अंतिम आंकड़े खातों की लेखापरीक्षा के बाद ही तय किये जायेंगे।
जीएसटी व्यवस्था में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये उपकर लगाया जायेगा। इस उपकर को ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर' नाम दिया गया है जिसे भोग विलासिता और तंबाकू जैसे उत्पादों पर लगाया जायेगा। यह उपकर जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल तक जारी रहेगा।
उपकर से मिलने वाली राशि ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष' में रखी जायेगी और पांच साल की समाप्ति पर इस कोष में यदि कुछ राशि बचती है तो उसे केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित कर दिया जायेगा। जीएसटी मुआवजा विधेयक के मसौदे में इसका प्रावधान किया गया है। केंद्र ने इस मसौदे को शनिवार को सार्वजनिक कर दिया।
इसमें कहा गया है कि पांच साल के बाद कोष में शेष राशि के 50 प्रतिशत को भारत की संचित निधि में डाल दिया जायेगा और यह समेकित कोष का हिस्सा होगी। कानून के तहत इस राशि को निर्धारित अनुपात में केंद्र और राज्यों में विभाजित कर दिया जायेगा। शेष 50 प्रतिशत राशि को राज्यों के बीच उनके कुल राजस्व के अनुपात में बांटा जायेगा। राज्यों के राजस्व अनुपात का निर्धारण जीएसटी व्यवस्था के तहत आखिरी वर्ष में उन्हें प्राप्त राजस्व के आधार पर तय किया जायेगा।
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