तीस्ता समझौते पर लग सकती है मुहर

भारत

ढाका (भाषा)। बांग्लादेश ने तीस्ता जल बंटवारा संबंधी वादा आज भारत को याद दिलाते हुए कहा कि उसे आशा है कि इस मामले में छह साल पहले हस्ताक्षरित मसौदा अब समझौते में तब्दील होगा।

तीस्ता के मामले में, भारत के दो प्रधानमंत्रियों (मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी) कह चुके हैं कि तीस्ता पर प्रस्तावित समझौते के मसौदे को औपचारिक समझौते का रुप दिया जायेगा। और इन्होंने यह वादा किसी निजी बातचीत में नहीं, बल्कि सार्वजनिक बयानों में दिया है।

अनीसुल इस्लाम महमूद जलसंसाधन मंत्री बांग्लादेश

बांग्लादेश के जलसंसाधन मंत्री अनीसुल इस्लाम महमूद ने यहां एक जल सम्मेलन से इतर कहा, ‘‘तीस्ता के मामले में, भारत के दो प्रधानमंत्रियों (मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी) कह चुके हैं कि तीस्ता पर प्रस्तावित समझौते के मसौदे को औपचारिक समझौते का रुप दिया जायेगा। और इन्होंने यह वादा किसी निजी बातचीत में नहीं, बल्कि सार्वजनिक बयानों में दिया है।’’ महमूद ने शेख हसीना की सात से दस अप्रैल के बीच भारत यात्रा के दौरान संभावनाओं पर कयास लगाने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको कोई तय समय सीमा नहीं बता सकता, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि भारत की केंद्र सरकार ईमानदार है और इसपर काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे मामलों (तीस्ता) में प्रत्येक देश की अपनी आंतरिक राजनीति भी होती है और आपको इसकी भलीभांति जानकारी है। लेकिन हम तीस्ता के पानी का न्याससंगत हिस्सा अपने लिए चाहते हैं, ना सिर्फ कृषि कार्यों के लिए बल्कि नदी के संरक्षण के लिए भी दो साल पहले प्रवाह में अचानक कमी आयी है।’’ बांग्लादेश देश लंबे समय से जल बंटवारा समझौता पर बल दे रहा है। बहरहाल, अभी तक इसका कोई अपेक्षित परिणाम नहीं मिला है।

बांग्लादेश और भारत के बीच तीस्ता जल बंटवारे का मामला काफी समय से लंबित है। इस समझौते की प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल की बहुत बड़ी भूमिका है। फरवरी 2015 में अपनी ढाका यात्रा के दौरान ममता बनर्जी ने इस लंबित मुद्दे को सुलझाने में ‘‘सकारात्मक भूमिका’’ निभाने का वादा किया था। शेख हसीना के साथ अपनी मुलाकात के दौरान उन्होंने बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल दोनों के हितों की रक्षा की बात कही थी। ममता 2015 में मोदी के साथ ढाका गयी थीं।

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