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कितने खातों में 2.5 लाख से ज्यादा के बंद नोट जमा हुए इसकी जानकारी नहीं: रिजर्व बैंक 

भारतीय रिजर्व बैंक

इंदौर (भाषा)। भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर अर्जी के जवाब में कहा है कि उसके पास इस बात की जानकारी उपलब्ध नहीं है कि गत आठ नवंबर से 30 दिसंबर तक देश के कुल कितने बैंक खातों में 2.5 लाख रपये से ज्यादा की रकम 500 और 1,000 रपये के बंद नोटों के रुप में जमा हुई।

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड ने बताया कि रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंध विभाग की ओर से उनकी आरटीआई अर्जी पर 17 फरवरी को इस आशय का जवाब दिया गया। गौड ने रिजर्व बैंक से पूछा था कि आठ नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच देश के अलग-अलग बैंकों के कुल कितने खातों में 2.50 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य के विमुद्रित नोट जमा हुए।

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सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने आरटीआई के तहत रिजर्व बैंक से यह भी जानना चाहा था कि इस अवधि में विविध सहकारी बैंकों के कुल कितने खातों में 2.5 लाख से ज्यादा की रकम 500 और 1,000 रपये के बंद नोटों की शक्ल में जमा हुई। गौड ने कहा, ”मेरी आरटीआई अर्जी पर इस सवाल का भी यही उत्तर दिया गया कि मांगी गयी जानकारी रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध नहीं है।”

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गत 17 नवंबर को कहा था कि नौ नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान बैंक खातों में कुल 2.5 लाख रुपये या इससे ज्यादा की रकम जमा कराने पर भी पैन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य होगा।

यह कदम इसलिये उठाया गया था, ताकि कोई 500 और 1,000 रुपये के बंद नोटों को 50 दिन की तय मोहलत में बैंकों में जमा कराने की आड़ में अपनी काली कमाई को सफेद न कर सके।

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