Gaon Connection Logo

कृषि, बागवानी व डेयरी क्षेत्र में भारत और नीदरलैंड हाथ मिलाएंगे

कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने नीदरलैंड की कृषि मंत्री, कैरोला शौउटन से मुलाकात की। कृषि मंत्री ने दोनों देशों के बीच कृषि और डेयरी क्षेत्र भागीदारी और अधिक सुदृढ़ होने की बात कही।
#agriculture

नई दिल्ली। कृषि भवन में कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने नीदरलैंड की कृषि मंत्री, कैरोला शौउटन से मुलाकात की। कृषी मंत्री ने ग्रीन हाऊसों के निर्माण, पुष्पों, पादपों और सब्जियों के क्षेत्र में नीदरलैंड की विशेष क्षमता, पशुओं तथा पादप कृषि क्षेत्रों की विविधता का उल्ले्ख करते हुए आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच भागीदारी और अधिक सुदृढ़ होगी।दोनों नेताओं ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच मौजूदा साझेदारी को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच कृषि और संबंधित क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने पर बातचीत हुई। 

दोनों मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने संयुक्त् कार्य समूह की नियमित बैठक आयोजित करने, कार्य योजना को 2021 तक बढ़ाने की चर्चा की। कृषि मंत्री ने कहा कि इंडो डच सहयोग की एक बड़ी सफलता महाराष्ट्र में बारामती में सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की रही है। दूसरा पुष्प उत्कृष्टता तालेगांव महाराष्ट्र में बनाया जा रहा है जो शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा, विभिन्न चरणों में किसानों के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। दोनों देशों के आपसी सहयोग से किसानों के हित मे कई कार्य किए जा रहे हैं। हमें यह भी देखना है कि किसान इस आधुनिक प्रौद्योगिकी का खर्च वहन कर पाएंगे अथवा नहीं। भारत को क्रियात्मक मांस उत्पादों, टीकों, पशुओं के रोग निदानों, प्रारंभिक गर्भधारण निदान कार्यों, वीर्य निर्धारण और प्रोजीनीपरीक्षण कार्य के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली की आवश्यक्ता पड़ेगी।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने और उस पर की गई पहलों को दोगुना करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने भारत की कृषि में आधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “नीदरलैंड ग्रीनहाउस के निर्माण के साथ-साथ फूलों, पौधों और सब्जियों की खेती में, और पशुधन और पौधे जैसे क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र के विविधीकरण में वैश्विक स्तर पर आगे है।” 
 

More Posts

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...

छत्तीसगढ़: बदलने लगी नक्सली इलाकों की तस्वीर, खाली पड़े बीएसएफ कैंप में चलने लगे हैं हॉस्टल और स्कूल

कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में इन दिनों आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है; क्योंकि अब उन्हें...