उलेमाओं ने सुरक्षित वापसी के लिए भारत, पाकिस्तान को धन्यवाद दिया

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उलेमाओं ने सुरक्षित वापसी के लिए भारत, पाकिस्तान को धन्यवाद दियाहवाई अड्डे पर बात करते सैयद आसिफ निजामी और नाजिम अली निजामी।

नई दिल्ली (भाषा)। पाकिस्तान में गत सप्ताह लापता हो गए दो सूफी उलेमाओं ने अपनी सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए आज भारत और पाकिस्तान की सरकारों को धन्यवाद दिया लेकिन इस बारे में कुछ भी नहीं कहा कि वे कैसे लापता हो गए थे।

दोनों उलेमाओं में से एक नाजिम अली निजामी ने यद्यपि पाकिस्तानी मीडिया की इन खबरों को खारिज किया कि वे ‘‘भीतरी सिंध में थे जहां कोई संचार नेटवर्क उपलब्ध नहीं था।'' उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, ‘‘हमारे पास सिंध के भीतरी क्षेत्र के लिए कोई वीजा नहीं था तो हम वहां कैसे जाते? हम सूफी विचारधारा से संबंध रखते हैं जो शांति और भाईचारा सिखाता है। अच्छे और बुरे तत्व होते हैं और जो शिक्षाओं के खिलाफ जाते हैं उन्हें अनादर का सामना करना पड़ता है।'' यह पूछे जाने पर कि उनसे ‘‘पूछताछ'' क्यों की गई, नाजिम ने कहा कि उनसे उनके वीजा एवं अन्य आव्रजन चीजों के बारे में पूछा गया। नाजिम और हजरत निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादानशीन सैयद आसिफ निजामी दोनों ने स्वदेश वापसी के लिए भारत और पाकिस्तान की सरकारों को ‘‘धन्यवाद'' दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और हमारी वापसी के लिए प्रार्थना करने वाले सभी धर्मों के शुभचिंतकों को धन्यवाद देते हैं।''

दोनों के आज सुषमा स्वराज से मुलाकात करने की उम्मीद है। सैयद आसिफ निजामी के पुत्र आमिर निजामी ने आरोप लगाया कि दोनों को एक स्थानीय उर्दू दैनिक की एक खबर के आधार पर ‘‘ले जाया गया था'' जिसमें दावा किया गया था कि उनके भारतीय गुप्तचर एजेंसी रॉ से संबंध हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई शामिल थी, उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ ‘‘कोई बल प्रयोग नहीं किया गया।

     

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