डॉलर के मुकाबले गिरती रुपए की कीमत से बढ़ेगी महंगाई, ये चीजें होंगी महंगी

रुपए का गिरना सिर्फ आंकड़ा भर नहीं है अगर ऐसे ही कीमतें गिरती रहीं तो इसका सीधा असर आप पर पड़ेगा।

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डॉलर के मुकाबले गिरती रुपए की कीमत से बढ़ेगी महंगाई, ये चीजें होंगी महंगी

गांव कनेक्शन नेटवर्क

लखनऊ। डॉलर के मुकाबले रुपए जब सस्ता होता है तो उसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है। रुपए की गिरती कीमत महंगाई लेकर आती है। विदेश से आने वाली चीजें और महंगी हो जाती हैं जबकि हमारे उत्पादों की कीमत कम हो जाती हैं, यानि डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी देश को दोहरा नुकसान पहुंचाती है।



रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले 69 के नीचे गिरकर गुरुवार को 69.09 पर पहुंच गया। इससे पहले नवंबर 2016 में रुपए की कीमत 68.86 तक पहुंच गई थी। रुपए का गिरना सिर्फ आंकड़ा भर नहीं है अगर ऐसे ही कीमतें गिरती रहीं तो इसका सीधा असर आप पर पड़ेगा। विदेशों से आने वाला तेल महंगा होगा, दालें महंगी होंगी, मोबाइल फोन महंगा होगा। तेल महंगा होने से माल ढुलाई और खेती की लागत बढ़ेगी, जो महंगाई को बढ़ाएगी। खाने-पीने की चीजों से मशीनरी, ब्रांडेड-कपड़े और जूतों के दाम बढ़ेंगे। अगर आप विदेश जाने की सोच रहे हैं तो विदेश यात्रा और वहां रहना-खाना महंगा होगा। अगर आपके बच्चे विदेश में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं तो उनका खर्च बढ़ेगा क्योंकि डॉलर के मुकाबले उन्हें और ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे।

रुपया भारतीय मुद्रा है, बाकी दुनिया के ज्यादातर देशों में अमेरिकी डॉलर में लेनदेन होता है। ऐसे में करेंसी एक्सचेंज के दौरान भारतीयों को ज्यादा पैसे चुकाने होते हैं। रुपए का सीधा असर तेल से जुड़ा है। देश की जरुरत का 80 फीसदी तेल आयात किया जाता है। अब देश को प्रति बैरल ज्यादा डॉलर चुकाने होंगे, जिससे देश में डीजल-पेट्रोल महंगा होगा।

भारत की जीडीपी का करीब 45 फीसदी विदेशी व्यापार से आता है। खेत में डाले जाने वाले बीज और खाद से लेकर दवाएं और कपड़े, मोबाइल और कार के पार्ट तक में विदेश का कारोबार शामिल है। जिसका सीधा मतलब है कहीं न कहीं से वह डॉलर से जुड़ा है। ऐसे में आम आदमी की जिंदगी से लेकर कारोबारी और सरकार तक सब पर रुपए की कीमत का असर पड़ेगा।



क्या-क्या महंगा होगा

• डीजल

• पेट्रोल

• दवाइयां

• स्मार्ट फोन

• दालें

• मशीनों के कलपुर्जे

• विदेशी यात्रा

• विदेश में शिक्षा

• ब्रांडेड कपड़े

• पेट्रोलिमय के चलते भाड़ा और सब्जियां


निर्यात की जाने वाली चीजों पर पड़ेगा असर, लगेगा झटका

डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत गिरने का असर सिर्फ बाहर से आने वाली चीजों पर नहीं पड़ता बल्कि हम जो विदेशों को भेजते हैं उसकी भी कीमत कम मिलती है। मोटे तौर पर सिर्फ 2018 में रुपया करीब 8 फीसदी कमजोर हुआ है। इसका खामियाजा उन चावल के व्यापारियों को उठाना पड़ रहा हो जो विदेशों को चावल भेजते थे। बांग्लादेश भारत से चावल का बड़ा आयातक है। लेकिन अपने किसानों की मदद के लिए उसने चावल आयात पर 28 फीसदी का टैक्स लगा दिया है, जिसके बाद भारत से जाने वाले चावल पर असर पड़ा है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक बांग्लादेश ने जुलाई से मई के दौरान 39 लाख टन आयात किया था। थाईलैंड भी दुनिया में चावल का बड़ा निर्यातक देश है। पिछले सप्ताह वहां चावल के दाम 390-400 डॉलर प्रति टन थे जो गिरकर 385-395 तक पहुंच गए हैं।

यह भी देखें: किसानों की आमदनी नहीं, डीजल और यूरिया के दाम बढ़ रहे हैं- अतुल अंजान

      

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